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25 साल पहले दो मैकेनिकों ने शुरू की थी संस्था, आज है कुनबा

अली मोहल्ला में स्कूटर रिपेयर करने का काम करने वाले दो मैकेनिकों ने 25 वर्ष पूर्व मा चिंतपूर्णी के भक्तों की सेवा का बीड़ा उठाया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 05:13 PM (IST)
25 साल पहले दो मैकेनिकों ने शुरू की थी संस्था, आज है कुनबा
25 साल पहले दो मैकेनिकों ने शुरू की थी संस्था, आज है कुनबा

शाम सहगल, जालंधर : शहर में पुराने स्कूटरों की मार्केट अली मोहल्ला में स्कूटर रिपेयर करने का काम करने वाले दो मैकेनिकों ने 25 वर्ष पूर्व मा चिंतपूर्णी के भक्तों की सेवा का बीड़ा उठाया था। मिशन सेवा था, तो लोग जुड़ते गए और कारवा बनता गया। यह सेवा कोई लंगर लगाना या राशन बाटना नहीं बल्कि मां के भक्तों की यात्रा के दौरान खराब गाड़ियों की रिपेयर की सेवाएं देना है। इसके लिए मा चिंतपूर्णी के दरबार में हर वर्ष लगने वाले मेले में संस्था द्वारा पिछले 25 वर्षो से कैंप लगाकर निशुल्क सेवाएं दी जा रही है। खास बात यह है कि स्कूटर रिपेयर कर परिवार चलाने वाले यह मैकेनिक मेले के दौरान लगातार तीन दिन दुकानें बंद रखकर अपनी लेबर सहित कैंप में सेवाएं देते है। जय माता चिंतपूर्णी सेवा सोसाइटी (रजि) के बैनर तले बॉम्बे पिकनिक स्पॉट के सामने कैंप लगाकर मा के दर्शनों के लिए जा रहे श्रद्धालुओं को निशुल्क सेवाएं देते हैं। यही नहीं वाहन में अधिक खराबी होने के चलते यह स्पेयर पार्ट्स भी खुद से डालते हैं।

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शादी का वर्ष भी बन गया यादगर

संस्था के संस्थापक अनिल ऑटो के दविंदर सिक्का अनिल बताते है कि उनकी शादी 1 मई 1994 को हुई थी। इसी वर्ष मा भक्तों की सेवा का अवसर भी मिल गया तो यह वर्ष हमेशा के लिए यादगार बन गया। जब से मा भक्तों की सेवा का बीड़ा उठाया है, तब से जीवन की सभी परेशानिया खत्म हो गई। संस्था शुरू करने के लिए उन्होंने अपने पड़ोसी चंद्र ऑटो मोबाइल के चंद्र मोहन को साथ लिया और चल पड़े इस मिशन पर।

बेबस श्रद्धालुओं के कई किलोमीटर दूर खड़े वाहन भी खुद लाते हैं

इस बारे में दविंदर सिक्का तथा चंद्रमोहन बताते हैं कि कई बार बेबस श्रद्धालु अपने वाहन खराब होने पर कई किलोमीटर दूर ही खड़ा करके उनके पास आ जाते है। इसके लिए संस्था के सदस्य खुद कई किलोमीटर दूर जाकर उनके वाहन ठीक करते है तथा जरूरत पड़ने पर कैंप तक भी अपने खर्च पर लेकर आते है। उन्होंने बताया कि 24 घटे चलने वाले कैंप में अब कई मैकेनिक स्वेच्छा से निशुल्क सेवाएं देने के लिए आते हैं।

पैसे पूछने पर कहते हैं जय माता दी बोलो भक्तों

कई बार श्रद्धालुओं के वाहन रिपेयर करने में इंजन के काम पर भारी खर्च भी होता है। ऐसे में जब श्रद्धालु उनसे पैसे पूछते हैं तो उनका एक ही जवाब होता है जय माता दी बोलो। दविंदर सिक्का बताते हैं कि यह सेवा उन्हें मा चिंतपूर्णी ने दी है जिस पर वह जीवन भर जुटे रहेंगे। आज मनाएंगे सिल्वर जुबली

संस्था 11 अगस्त को अपने 25 वर्ष पूरे करने जा रही है। जिसे लेकर अली मोहल्ला में भव्य समारोह का आयोजन होगा। जिसमें मा चिंतपूर्णी की आराधना के साथ-साथ सहयोग देने वाले सदस्यों को सम्मानित भी किया जाएगा। वही संस्था की तरफ से 16 से लेकर 18 अगस्त तक बॉम्बे पिकनिक स्पॉट के सामने कैंप लगाकर श्रद्धालुओं को सेवाएं दी जाएंगी।


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