बायोमाइनिग प्रोजेक्ट में देरी पर ठेकेदार को दो लाख जुर्माना
स्मार्ट सिटी कंपनी के बायोमाइनिग प्रोजेक्ट पर काम कर रही ठेका कंपनी ईको ग्रैब पर काम में देरी पर दो लाख रुपये जुर्माना लगेगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर
स्मार्ट सिटी कंपनी के बायोमाइनिग प्रोजेक्ट पर काम कर रही ठेका कंपनी ईको ग्रैब पर काम में देरी पर दो लाख रुपये जुर्माना लगेगा। काम की मानिटरिग के लिए बनाई गई कमेटी ने इसकी सिफारिश की है। कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि अगर ईको ग्रैब सितंबर तक काम शुरू नहीं कर पाती है तो ठेकेदार को हर महीने दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए। कमेटी की सिफारिश पर जुर्माना फाइनल करने का काम तभी पूरा होगा जब स्मार्ट सिटी कंपनी की सीईओ दीपशिखा शर्मा सिफारिश को मंजूर करने के पत्र पर हस्ताक्षर करेंगी। सीईओ इस समय लंबी छुट्टी पर हैं, जिस वजह से यह मामला लटक सकता है।
करीब 41 करोड़ रुपये के बायोमाइनिग प्रोजेक्ट पर अब तक काम शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक वरियाणा डंप पर मशीनरी नहीं आई है। अभी भी शेड बनाने का काम जारी है। ऐसे हालात में मानसून में निगम को कूड़ा फेंकने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अगर प्रोजेक्ट शुरू हो गया होता तो डंप पर नया कूड़ा फेंकने के लिए कुछ जमीन खाली हो चुकी होती। इस प्रोजेक्ट की मानिटरिग कर रही कमेटी में चार मेंबर हैं, जिनमें डेविएट के सिविल इंजीनियरंग विग के प्रमुख संजीव कुमार, निगम के हेल्थ अफसर डा. श्री कृष्ण शर्मा, स्मार्ट सिटी कंपनी के सलाहकार एएस धालीवाल व निगम के एसडीओ एवं प्रोजेक्ट इंचार्ज गगन लूथरा शामिल हैं। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि ईको ग्रैब को दो महीने का समय दिया जाए। अगर कंपनी दो महीने में काम नहीं करती है तो सितंबर से हर महीने दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए। स्मार्ट सिटी कंपनी के सलाहकार एएस धालीवाल ने कमेटी के जुर्माना लगाने की सिफारिश की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कंपनी को चेतावनी दी है कि वह काम में तेजी लाए। प्रोजेक्ट शुरू करने में हो चुकी है एक साल की देरी
वरियाणा डंप पर जमा आठ लाख क्यूबिक टन कूड़ा खत्म करने के लिए बायोमाइनिग प्रोजेक्ट शुरू करने की आखिरी तारीख 12 जून 2021 थी। यह काम तय समय निकलने के एक साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। यह प्रोजेक्ट 29 अप्रैल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह तय समय पर पूरा नहीं हो पाएगा।