सोना रखकर ब्याज पर लिए 13 लाख, बैंक ने बेचा सोना
उद्योगपति ने बैंक में सोना रखकर लोन लिया तो बैंक ने सोना बेच दिया।
संवाद सूत्र, फिल्लौर
बैंक मैनेजर का टारगेट पूरा करने में मदद करने का खामियाजा उद्योगपति को अपना लाखों का सोना गंवाकर भुगतना पड़ा। उद्योगपति ने 42 लाख का 73 तोले सोना बैंक में रखकर साढ़े 13 लाख का लोन ले लिया। जब उद्यमी रकम वापस करने गए तो पता चला कि बैंक ने उनका सोना 26 लाख 75 हजार में मार्केट में बेच दिया। उद्योगपति ने बैंक के खिलाफ अदालत में केस कर दिया है।
उद्योगपति मतविदर सचदेवा बंटी ने बताया कि उनका और उनकी फर्म का खाता शहर के एक निजी बैंक में है। उन्हें बैंक की तरफ से विशेष खाताधारक का रूतबा दिया गया था। बैंक के गोल्ड यूनिट के हेड रजनीश ने उन्हें कहा कि उनका टारगेट पूरा नहीं हो रहा, इसलिए उनकी मदद करें। इसके बाद मतविदर सचदेवा ने वर्ष 2018 में अपना 73 तोले सोना बैंक में रख कर तीन वर्ष के लिए साढ़े 13 लाख रुपये लोन पर उठा लिए। इसकी हर महीने ब्याज की किस्त 11 हजार 715 रुपये बनती थी। बैंक को किस्त लेने में कोई परेशानी न हो, इसलिए वो अपने खाते में पांच लाख रुपये हर वक्त जमा रखते थे। उन्होंने कहा कि जब वे बैंक का पूरा पैसा चुकाने के लिए बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनका सोना बैंक ने बेच दिया है। उन्होंने कहा कि बैंक और उसके अधिकारी रजनीश ने उसके साथ धोखा किया है। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से बैंक की प्रमुख शाखा के अलावा आरबीआइ के पास भी शिकायत की। इसके अलावा उन्होंने न्याय लेने के लिए बैंक पर अदालत में केस भी कर दिया। बैंक के शाखा मैनेजर दीपक से बात की तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में जानकारी उस वक्त के मैनेजर रजनीश ही दे सकते हैं, जो अब जालंधर में तैनात हैं। उद्योगपति ने लोन रिन्यू नहीं करवाया, इस लिए बेचा सोना : रजनीश
मैनेजर ने बताया कि उद्योगपति मतविदर सचदेवा ने बैक से जो लोन लिया था, उसे हर वर्ष रिन्यू करवाना होता है। उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें इस संबंध में फोन भी किए गए थे। उसके बावजूद वो बैंक में नहीं आए, जिसके बाद बैंक ने उनका केस एनपीए कर वह सोना 26 लाख 75 हजार रुपये में बेच डाला। जब उनसे पूछा गया कि आपने उद्यमी को बैंक का विशेष खाताधारक चुना था। दूसरा उनके खाते में लाखों रुपये हर वक्त पड़े रहते थे तो फिर उन्होंने उनका सोना सस्ते भाव में क्यों बेच दिया? इस पर रजनीश ने कहा कि वह बिना इजाजत उनके खाते से रुपये नहीं निकलवा सकते।