पंजाब में फेसबुक पर दर्शन दे रहे 'मर्यादा पुरुषोत्तम', एनआरआइ भी बोले- जय श्रीराम
होशियारपुर के कस्बा टांडा के राम भक्तों ने श्री रामलीला मंचन का अनोखा ढंग निकाला। यह ढंग है फेसबुक पर लाइव प्रसारण कर। उनका यह फार्मूला हिट भी हो रहा है। दुनियाभर में लोग इसे देख रहे हैं।
होशियारपुर [हजारी लाल]। कोरोना काल में जनजीवन पटरी से उतर गया। इसका असर आस्था व धार्मिक गतिविधियों पर भी पड़ा। शारदीय नवरात्र में होने वाली श्री रामलीला मंचन पर बड़े क्लबों व कमेटियों ने हाथ पीछे खींच लिए। इसी बीच, होशियारपुर के कस्बा टांडा के राम भक्तों ने श्री रामलीला मंचन का अनोखा ढंग निकाला। यह ढंग है फेसबुक पर लाइव प्रसारण। उनका यह फार्मूला हिट भी हो रहा है। टांडा के एक मंदिर में कलाकार मंचन कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर उसका आनंद उठाते हुए दुनियाभर के भक्त जय श्रीराम बोल रहे हैं।
रामलीला कमेटी श्री अर्जुन क्लब टांडा के प्रधान हरपाल पाला बताते हैं कि 69 साल से मंचन लगातार जारी है। इस साल कोरोना के कारण असंभव लग रहा था, लेकिन वे यह क्रम जारी रखना चाहते थे। इसी मकसद से पिछले दिनों कमेटी के सदस्यों ने बैठक की और वर्चुअल रामलीला मंचन का फैसला किया। रामलीला ग्राउंड के खुले मैदान के बजाय श्री हनुमान मंदिर में स्टेज बनाया। हर साल की तरह सभी 56 कलाकार इस बार भी हिस्सा ले रहे हैं। वे रात नौ से 11 बजे तक स्टेज पर अभिनय करते हैं और फेसबुक लाइव के जरिए न केवल टांडा, बल्कि देश-विदेश में बैठे अन्य भक्तों तक प्रभु श्री राम का संदेश पहुंचाया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले साल से फर्क महज इतना है कि उनके दर्शन सामने नहीं बल्कि आनलाइन हैं। उद्घाटन से लेकर पूजा-पाठ हर साल की तरह वैसे ही हो रहा है।
एनआरआइ भी पहली बार देख रहे
प्रधान पाला बताते हैं कि टांडा एनआरआइ का गढ़ है। टांडा के इतिहास में शायद पहली बार है कि विदेशों में बसे उनके कस्बे के सैकड़ों लोग भी इस नेक काम में उनके साथ नजर आ रहे हैं और मंचन का लुत्फ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हनुमान मंदिर में कलाकार और कमेटी सदस्यों के अलावा और कोई नहीं होता। राम भक्त फेसबुक पर उसे देखकर भाव-विभोर होते हैं।
पहले ही दिन हजारों लोग जुड़े
कमेटी के उपप्रधान विनोद कुमार व रणजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि इस नेक काम में होशियारपुर के बाकी संगठनों का साथ भी लिया गया। उनके वाट्सएप व अन्य ग्रुप में फेसबुक लाइव का लिंक रोज दस मिनट पहले ही शेयर कर दिया जाता है। वीरवार को मंचन के पहले ही दिन हजारों लोग जुड़े और उनकी पहल को सराहा। उन्हें खुद उम्मीद नहीं थी कि इतना बढिय़ा रिस्पांस मिलेगा।