जिले में दो वर्ष पहले थे 500 डेयरी फार्म, अब हो गए 700, दो हजार क्विंटल दूध की रोजाना खपत
युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा सके इसके लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लाती हैं।
सतीश कुमार, होशियारपुर
युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा सके इसके लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लाती हैं। इसमें कुछ योजनाएं तो सिरे चढ़ जाती है लेकिन कुछ योजनाएं धरी की धरी रह जारी है। इन दिनों सरकारी नौकरियों के अभाव के कारण सरकार स्व-रोजगार की तरफ लोगों को प्रेरित कर रही हैं। इसके लिए उन्हें ट्रेनिग दी जाती है ताकि युवाओं को परेशानी न हो।
चूंकि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है और इसके लिए युवाओं को इन धंधों के लिए प्रेरित किया जा रहा है जो कृषि से जुड़े हों ताकि व्यापार में चोखा लाभ मिल सके। ऐसा ही धंधा है डेयरी फार्म। युवा वर्ग इसको बड़े स्तर पर अपना रहे हैं यह आजीविका का बढि़या साधन भी है। इसी के चलते जिला होशियारपुर में भी डेयरी विभाग की तरफ से जिले के युवा वर्ग को सस्ती दर पर कर्ज देकर उन्हें जिला में डेयरी फार्म के धंधा शुरू करने का प्रयास किया है। युवा इस धंधे को बड़े स्तर पर अपना भी रहे हैं। बढि़या नतीजे आने लगे सामने
जिला होशियारपुर डेयरी फार्मर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव सिंह खेपड़ से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार ने बेरोजगारी को दूर करने के लिए उठाए कदम काफी कारगार साबित हो रहे हैं। जिले का युवा वर्ग डेयरी फार्मिंग के प्रति काफी उत्साहित है और यह धंधा अपना भी रहे हैं। जिला में यहां पिछले दो वर्ष तक चार सौ से पांच सौ डेयरी फार्म थे, वही अब बढ़कर 600 से 700 हो गए हैं। दूध का उत्पादन भी बढ़ा
जानकारी के अनुसार जिला में हर रोज 1500 से 2000 क्विंटल दूध की खपत हो रही है। कोई समय था जब होशियारपुर अन्य जिलों व हिमाचल के कुछ इलाकों पर दूध के लिए निर्भर करता था। लेकिन इस समय जिला में 700 के करीब डेयरी फार्म है। इसके अलावा कुछ छोटे डेयरी फार्मर है जिनका रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन इससे होशियारपुर में दूध का उत्पादन बढ़ा है। कुछ समय पहले तक होशियारपुर से दूध की सप्लाई हिमाचल प्रदेश के लिए भी होती थी मगर अब जिले में ही दूध की मांग बहुत बढ़ गई है इस लिए सारे दूध की खपत जिले में ही हो जाती है। अब बड़े स्तर पर दूध का उत्पादन होता है और मिल्क प्लाटों को भी दूध सप्लाई होता है।
अभी भी सुविधाओं में हैं कुछ कमियां
उन्होंने बताया कि चाहे युवा इस धंधे में काफी जुड़ रहे हैं परंतु यह बहुत ही मेहनत का काम है। इसके लिए सरकार की तरफ से सबसिडी पर कर्ज दिया जाता है मगर यह कर्ज आसानी से नहीं मिल रहा। इसके लिए सरकार को कुछ कानूनों में छूट देनी चाहिए ताकि हरेक को मौका मिल सके।
दो सालों में काफी बढ़ा डेयरी फार्मिंग का धंधा
चूंकि होशियारपुर कंडी का इलाका है और यहां पर रोजगार के साधन सीमित हैं, जिसके चलते पहले युवा वर्ग काफी निराश था लेकिन सरकार का उक्त कदम काफी कारगार साबित हो रहा है देखा गया है कि पिछले दो वर्ष में जिले में डेयरी फार्म का काम अच्छा दिखाई दे रहा है खास करके गढ़शंकर और उसके आसपास काफी नए डेयरी फार्म बन गए है। जो कभी नशे के लिए बदनाम हो रहा था। अब वह इलाका दूध के उत्पादन का गढ़ बन रहा है। कहां होती है डेयरी फार्म की सिखलाई
कुछ समय पहले तक पंजाब में केवल फगवाड़ा में ही डेयरी फार्म की सिखलाई दी जाती थी मगर अब युवा वर्ग में लगातार बढ़ रही डेयरी फार्म के प्रति दिलचस्पी को देखते हुए सरकार ने अब हर जिले में डेयरी फार्मिंग के कैंप लगाने शुरू कर दिए है। जिला होशियारपुर में भी समय-समय पर डेयरी विभाग की तरफ से सिखलाई कैंप लगाया जाता है यहां पर बेरोजगार के शिकार युवा वर्ग को डेयरी फार्म की सिखलाई देकर उन्हे अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया जाता है। अभी भी हैं काफी कमियां जिसमें सुधार की जरूरत
डेयरी फार्म मालिक को डेयरी फार्म चलाने के लिए कई समस्यायों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या है पशुओं के लिए चारा खरीद करने समय आढ़तियों की मनमानी, सुबह जब भी चारा खरीदने जाते है तो वहां पर आढ़ती बगैर किसी काम के ही आढ़त की मांग करते है।