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अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत, हंगामा

होशियारपुर-चंडीगढ़ रोड पर स्थित निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। परिवार वालों ने मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। मृतका की पहचान सुनीता रानी निवासी पिरथीपुर ऊना के रूप में हुई है। महिला रोडवेज में कार्यरत थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 10:07 PM (IST)
अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत, हंगामा
अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत, हंगामा

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : होशियारपुर-चंडीगढ़ रोड पर स्थित निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। परिवार वालों ने मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। मृतका की पहचान सुनीता रानी निवासी पिरथीपुर, ऊना के रूप में हुई है। महिला रोडवेज में कार्यरत थी। मृतका की बेटी सपना व रोडवेज के स्टाफ का आरोप था कि मंगलवार को सुनीता की तबीयत खराब हो गई थी और उसे गगरेट अस्पताल में दाखिल कराया गया था। तबीयत में सुधार न होने के कारण उसे होशियारपुर आइवीवाइ अस्पताल में दाखिल कराया था। गगरेट अस्पताल में सुनीता का कोरोना टेस्ट भी लिया गया था जो नेगेटिव था। अस्पताल में दाखिल करवाने के बाद उसका डाक्टरों ने उपचार शुरू कर दिया। बाद में परिवार वालों को बिना बताए सुनीता को कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया। सपना ने बताया कि जब उसे पता चला तो उसने डाक्टरों से पूछा कि कहीं उसकी मां तो कोरोना तो नहीं तो डाक्टरों ने कोई सही ढंग से जवाब नहीं दिया और बाद में उसे मां के पास बैठने की अनुमति दे दी परंतु पीपीई किट डालने के बाद ही उसे मां के पास बैठने दिया। बाद में जब वह किसी काम से वार्ड से बाहर आई तो उसे पता चला कि उसकी मां को वेंटीलेटर लगा दिया गया है और बाद में डाक्टरो ने उसकी मां को मृत घोषित कर दिया।

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सपना ने बताया कि उसकी बहन की शादी नौ दिसंबर को है और इसी के चक्कर में उसकी मां शापिग कर रही थी और परेशान थी। सपना ने आरोप लगाया कि उसकी मां की मौत डाक्टरों की लापरवाही से हुई है। चूंकि उसकी मां को कोरोना नहीं था और जब उसकी मां को कोरोना ही नहीं था तो उसे कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। चिकित्सकों को पता ही नहीं चल पाया कि बीमारी क्या है। और उसे वैसे ही ट्रीटमेंट देते रहे ।

क्या कहना है अस्पताल के डाक्टरों का

इस संबंध में अस्पताल के डाक्टरों ने आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें शक था कि सुनीता को कोविड की संदिग्ध मरीज थी। इसके बारे में परिवार को बताया गया था। इस दौरान यह भी साफ कर दिया गया था कि सुनीता देवी की हालत 50 फीसद खराब है। यदि रिकवर हुआ तो ठीक नहीं तो रिस्क है। उन्होंने टेस्ट करवाया है लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही शव परिवार को सौंप दिया जाएगा।


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