बैसाखी की पूर्व संध्या पर जैन डे बोर्डिंग स्कूल में समारोह
ऊना रोड स्थित एसएवी जैन डे बोर्डिंग स्कूल में बैसाखी की पूर्व संध्या और संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर के जन्मदिवस को समर्पित स्पेशल एसेंबली का आयोजन किया।
जेएनएन, होशियारपुर: ऊना रोड स्थित एसएवी जैन डे बोर्डिंग स्कूल में बैसाखी की पूर्व संध्या और संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर के जन्मदिवस को समर्पित स्पेशल एसेंबली का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल की डीन सुनीता दुग्गल ने की। इस अवसर पर सीनियर विग के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रोग्राम भी पेश किया गया। उपस्थित बच्चों को संबोधित करते हुए स्कूल की प्रिसिपल सुषमा बाली ने कहा कि बैसाखी प्राय: प्रति वर्ष 13 अप्रैल को मनाई जाती है। यह त्योहार सभी धर्मों एवं जातियों के द्वारा मनाया जाता है। बैसाखी मुख्यत: कृषि पर्व है। यह त्योहार फसल कटाई के आगमन के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ साथ बैसाखी सिक्खों का प्रसिद्ध त्योहार है। सिखों के लिए यह पर्व मात्र फसल कटाई आगमन का त्योहार नहीं बल्कि सिख भाईचारे और एकता का प्रतीक भी है। वर्ष 1699 में इसी दिन सिक्ख गुरु गोबिद सिंह जी ने सिक्खों को खालसा के रुप में संगठित किया था। बैसाखी के साथ साथ उन्होंने आज के दिन संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर के जन्म दिन पर भी बच्चों को बताया। डॉ. भीमराव आंबेडकर अपने आप को उच्चतम शिक्षित भारतीय नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया और भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना अहम योगदान दिया। भारत के संविधान को आकार देने और के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर का योगदान सम्मानजनक है। उन्होंने पिछड़े वर्गों के लोगों को न्याय, समानता और अधिकार दिलाने के लिए अपने जीवन को देश के प्रति समर्पित कर दिया।