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तीनों पंचायतों ने बीडीपीओ दफ्तर के बाहर दिया धरना

शुक्रवार सुबह हलका उड़मुड़ के ब्लॉक टांडा अधीन पड़ती तीन अकाली दल बादल पार्टी के साथ संबंधित पंचायतों मियानी जाजा और देहरीवाल के सरपंच और पंचायत सदस्यों ने बीडीपीओ दफ्तर टांडा के बाहर रोष प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 11:35 PM (IST)
तीनों पंचायतों ने बीडीपीओ दफ्तर के बाहर दिया धरना
तीनों पंचायतों ने बीडीपीओ दफ्तर के बाहर दिया धरना

संवाद सहयोगी, टांडा उड़मुड़ : शुक्रवार सुबह हलका उड़मुड़ के ब्लॉक टांडा अधीन पड़ती तीन अकाली दल बादल पार्टी के साथ संबंधित पंचायतों मियानी, जाजा और देहरीवाल के सरपंच और पंचायत सदस्यों ने बीडीपीओ दफ्तर टांडा के बाहर रोष प्रदर्शन किया। पंचायत सदस्यों का आरोप था कि बीडीपीओ टांडा शुक्ला देवी राजनैतिक दबाव में माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी पिछले एक साल से इन पंचायतों को कोरमा पूरा होने के बावजूद भी विकास कार्य करवाने के अधिकार नहीं दे रही हैं। इस मौके उनके साथ शिरोमणि अकाली दल बादल के हलका इंचार्ज अरविदर सिंह रसूलपुर भी मौजूद रहे। अरविदर सिंह रसूलपुर ने कहा कि बीडीपीओ टांडा राजनैतिक दबाव में माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के बाद कोरमा पूरा होने के बावजूद भी ब्लाक टांडा अधीन आती तीन पंचायतों मियानी, जाजा और देहरीवाल को विकास कार्य करने के अधिकार देने के लिए अपमानित कर रहा है। जबकि पिछले एक साल से इतना तीन गांवों की पंचायतों विकास कार्य करवाने के लिए बड़े स्तर और परेशानी का सामना कर रही हैं। इन तीन पंचायतों को पहले भी तीन बार बीडीपीओ दफ्तर टांडा में बुलाया गया और अपना कोरमा पूरा करने के लिए कहा और तीनों गांवों के सरपंचों हरदयाल सिंह देहरीवाल, सिमर कौर सरपंच गांव मियानी और गांव जाजा के सरपंच ने अपना कोरमा पूरा कर दिया, परंतु इस के बावजूद भी बीडीपीओ टांडा ने उक्त तीनों पंचायतों को विकास कार्य करने का अधिकार नहीं दिया। शुक्रवार प्रात: काल फिर चौथी बार इन तीनों पंचायतों को बीडीपीओ टांडा शुक्ला देवी द्वारा बीडीपीओ दफ्तर टांडा में बुलाया गया। इन तीन पंचायतों को राजनैतिक दबाव में अकाली पंचायतों होने के कारण जानबूझ कर विकास कार्य करने से रोका जा रहा है। जबकि इस संबंधित पंचायतों की तरफ से माननीय हाईकोर्ट में इस संबंधी याचिका भी दायर की थी। जिस के बाद माननीय हाईकोर्ट ने इन पंचायतों को सरपंच की वोट डाल कर बहुमत साबित करके कोरमा पूरा करके विकास करने का अधिकार दिया जाए। परन्तु बीडीपीओ टांडा जानबूझ कर राजनीतिक दबाव में इन तीन पंचायतों को विकास करने से रोकने के लिए तंग किया जा रहा है। देहरीवाल में सरपंच समेत 12 पंचायत मेंबर

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मियानी के सरपंच सिमर कौर ने बताया कि गांव देहरीवाल में सरपंच समेत 12 पंचायत मेंबर हैं। चुनाव के बाद अकाली दल बादल की पार्टी के पास सरपंच समेत छह मेंबर थे। पंचायती कानून मुताबिक सरपंच भी अपनी अलग वोट डाल सकता है। गांव मियानी की पंचायत चुनते समय पर सरपंच की वोट डाल कर कोरमा पूरा था, परंतु बीडीपीओ टांडा शुक्ला देवी ने सरपंच की वोट को नहीं माना। जिसके बाद मियानी की पंचायत ने माननीय हाईकोर्ट में इस संबंधी याचिका दायर कर दिया। तीन महीने पहले माननीय हाईकोर्ट ने इस संबंधी आदेश जारी कर दिया कि पंचायत कानून मुताबिक सरपंच की वोट गिनी जा सकती है, परंतु बीडीपीओ टांडा हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी मियानी गांव की पंचायत को विकास कार्य करने की मान्यता नहीं के रही। पंचायतों को दोबारा बुलाया जाएगा: बीडीपीओ

बीडीपीओ टांडा ने कहा कि डीसी दफ्तर होशियारपुर में मीटिग में थे। इस कारण बुलाईं हुई पंचायतों को नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि मामला ध्यान में हैं, तीनों पंचायतों को दोबारा बुलाया जाएगा।


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