सिघू बार्डर पर आदोनकारी किसानों को 500 कंबल वितरित किए
कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए और बिजली संशोधन 2020 व पराली जलाने से संबंधित विधेयक को वापस करवाने के लिए चल रहे किसान आंदोलन कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, गढ़शंकर : कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए और बिजली संशोधन 2020 व पराली जलाने से संबंधित विधेयक को वापस करवाने के लिए चल रहे किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसमें हिस्सा लेने के लिए गत तीन दिन से सिघू बार्डर पर अपने साथियों सहित पहुंचे आल इंडिया जाट महासभा के पंजाब के महासचिव अजायब सिंह बोपाराय, वायस आफ दा पीपुल्स के राकेश कुमार व रघुवीर सिंह बीरा ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों व मजदूरों सहित सभी के लिए खतरनाक हैं। इसके अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश व उत्तराखंड से भी लाखों की संख्या में किसान सिघू बार्डर के अलावा टिकरी बार्डर, नोयडा बार्डर व गाजियाबाद बार्डर पर लाखों की संख्या में किसान डटे हुए है। यह दुनिया का पहला आंदोलन है, यहां पर किसान शांतिमय तरीके से बैठे हुए हैं और किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जा रही। वालंटियर स्थानीय लोगों को, एंबुलेंस, विदेश, विवाह समागम जैसे जरूरी कामों को जाने वाले लोगों के वाहनों को खुद निकलने में सहायता प्रदान करते हैं। पूरे आंदोलन में लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर आंदोलन में जुटे हैं। श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा साहिब न्यूयोर्क, यूएसए के प्रधान अशोक माही उर्फ बिल्ला की ओर से भेजी गई पांच सौ कंबल सिघू बार्डर में आंदोलनकारियों को वितरित किए गए। इस आंदोलन में राणा दविंदर सिंह हैप्पी नारवे, दलजीत कुमार, हरजिंदर सिंह, कुलविंदर सिंह, सुखजीत सिंह आदि भी गढ़शंकर से गई टीम में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को रद नहीं किया जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।