बावा लाल जी की जयंती पर हजारों श्रद्धालु हुए नतमस्तक
महान संत दार्शनिक एवं समाज सुधारक वैष्णवाचार्य सतगुरु बाबा लाल दयाल जी महाराज की 665वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में बीस हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने नतमस्तक हो कर अपनी श्रद्धा और आस्था का इजहार किया।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : महान संत, दार्शनिक एवं समाज सुधारक सतगुरु बावा लाल दयाल की 665वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में बीस हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने नतमस्तक होकर आस्था का इजहार किया।
महामंडलेश्वर महंत रमेश दास जी महराज की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में सुबह 11 बजे कल के रखे हुए श्री राम चरित मानस के अखंड पाठ का भोग डाला गया। सुबह छह बजे से ही श्रद्धालु पंक्तियों में खड़े होकर नमन कर रहे हैं।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए महंत जी ने कहा सतगुरु बावा लाल दयाल जी महाराज महान संत और योगी थे। जिन्होंने योगशक्ति से कायाकल्प कर के तीन सौ साल की उम्र बिताई और स्वेच्छा से शरीर को त्याग दिया। उन्होंने कहा बावा लाल दयाल जी द्वारा रचित लाल वाणी नाम वाला ग्रंथ जिसमें दस हजार दोहे हैं, आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन का काम करता है। इस अवसर पर संगत ने भजनों के माध्यम से माहौल को पावन एवं भक्ति मय बना दिया। इस अवसर पर लगाए गए विशाल भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की और प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर नंद लाल वैद्य, इंद्र जीत शर्मा, सतपाल शास्त्री, एस पीदुग्गल, विजय, जनक राज, जयशंकर, सुदर्शन, तरसेम लाल, अशोक गुलाटी, भोली देवी, सरिता, सरोजिनी, ओम प्रकाश, जनक राज, प्रेम लाल, सतीश, अमरजीत पाल, ओंकार चंद्र, शक्ति सिंह, दमनेश, सुरिदर, गोमती, मनोहर लाल, राकेश, कुलदीप शर्मा, रामसिंह, दर्शनलाल, राम लाल उपस्थित थे।