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पीएम के पीए का जानकार बता नौकरी दिलाने का झांसा दे ठगे 42 लाख

टांडा पुलिस ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर 42 लाख रुपये की ठगी के मामले में मानुपुर के गुरविदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 05:05 AM (IST)
पीएम के पीए का जानकार बता नौकरी दिलाने का झांसा दे ठगे 42 लाख
पीएम के पीए का जानकार बता नौकरी दिलाने का झांसा दे ठगे 42 लाख

संवाद सहयोगी, टांडा उड़मुड़ : टांडा पुलिस ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर 42 लाख रुपये की ठगी के मामले में मानुपुर के गुरविदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह मामला ठगी के शिकार जगतार सिंह निवासी जक्कोवाल के बयान पर दर्ज किया है। आरोपित पीड़ित की दूर की रिश्तेदारी में है। आरोपित ने उसकी बेटी को शिक्षा विभाग व बेटे को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। तीन साल तक नौकरी नहीं लगवाने व पैसे वापस मांगने पर आरोपित पर धमकियां देने का आरोप है।

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जगतार सिंह ने बताया कि गुरविदर सिंह उसका दूर का रिश्तेदार है। जब भी वह उनसे मिलता था तो बताता था कि उसकी काफी जान पहचान है। वह मोहाली में कोचिग सेंटर चलाता है और उसके पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड के सचिव कृष्ण कुमार से बहुत अच्छे संबंध हैं। इसके अलावा उसकी कई आला अधिकारियों से भी जान पहचान है। यही नहीं उसने बताया कि उसके प्रधानमंत्री नरिदर मोदी के पीए के साथ बहुत बढि़या संबंध है। आए दिन उसके साथ बातचीत होती रहती है। इस दौरान उसने एक दिन बातों-बातों में कहा कि यदि कोई काम हो तो बताए चूंकि वह कई लोगों को सरकारी नौकरी लगवा चुका है। जगतार सिंह ने बताया कि उसने अपनी लड़की इंदरप्रीत कौर तथा लड़के रमिदर सिंह को नौकरी दिलाने की बात की तो उसने तुरंत हां कर दी और कहा कि आने वाले दिनों में कुछ विभागों में नौकरियां निकलने वाली हैं और यदि अभी से शुरू किया तो नौकरी लग जाएगी। जगतार सिंह ने बेटा-बेटी के साथ-साथ अपनी एक रिश्तेदारी में एक और लड़की अरविदर कौर निवासी भोगपुर को नौकरी दिलाने के लिए कहा। इसको लेकर वह मान गया।

15-15 लाख में तय हुआ सौदा

जगतार सिंह ने बताया कि इस दौरान एक दिन उसे गुरविदर सिंह का फोन आया और उसने कहा कि उसने बात चलाई है लेकिन एक नौकरी के लिए 15 लाख देने होगें। इतनी अधिक डिमांड के बारे में पूछे जाने पर उसने बताया कि पैसे ऊपर तक जाएंगे। उसने बताया कि वह उसकी बेटी इंद्रपीत को शिक्षा विभाग में नौकरी दिलवाएगा व बेटे को रेलवे में नौकरी दिलवाएगा। उसने बात भी कर ली है। वह पैसे भेजे जिसके बाद प्रोसेस शुरू कर देगा। इसके बाद गुरविदर सिंह ने 15 लाख एडवांस लिए और एक साल में नौकरी दिलाने की बात कही। थोड़े-थोड़े करके उसने उनसे 42 लाख रुपये ले लिए। न दिलवाई नौकरी, न दिए पैसे वापस बाद में देने लगा धमकियां

गुरविदर ने उनसे अलग-अलग दिनों में कुल 42 लाख रुपये ले लिए और इस दौरान नौकरी के लिए कागजी कार्रवाई करने का झांसा देकर कुछ खाली चैक तथा खाली अष्टाम पेपर भी साइन करवा लिए। तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी नौकरी नहीं लगवाई। इस कारण उन्होंने उससे अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए। पैसे वापस करने के बजाए उल्टा उस ने अपनी पहुंच की धमकियां देनी शुरू कर दी तथा उसके दिए कुछ खाली चेक बैंक में लगवा कर वकील की ओर से नोटिस भिजवाने शुरू कर दिए। पुलिस ने पीड़ित के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है।


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