सुबह 6:15 से शाम 5:31 बजे तक राखी का शुभ मुहूर्त
भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार रक्षा बंधन भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में तपोमूर्ति महंत राज गिरी ने कहा कि यह पावन पर्व भाई और बहन के पवित्र बंधन को समर्पित है।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार रक्षा बंधन भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में तपोमूर्ति महंत राज गिरी ने कहा कि यह पावन पर्व भाई और बहन के पवित्र बंधन को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की दाहिनी कलाई पर धागा बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। जबकि भाई बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं और उन्हें यथाशक्ति उपहार भी भेंट करते हैं। रक्षा बंधन को राखी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इसे श्रावण मास में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह हर साल अगस्त के महीने में पड़ता है। इस वर्ष रक्षा बंधन रविवार, 22 अगस्त को है। पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को शाम सात बजे शुरू होती है और 22 अगस्त को शाम साढ़े पांच बजे पर समाप्त होती है। रक्षा बंधन धागा समारोह का समय सुबह 6:15 से शाम 05:31 बजे तक है। इस मुहूर्त की अवधि 11 घंटे 16 मिनट रहेगी। हालांकि, यह दिन नेपाल में भी मनाया जाता है। किवदंतियों के अनुसार, रक्षा बंधन की उत्पत्ति का पता उस दिन लगाया जा सकता है जब भगवान कृष्ण पतंग उड़ा रहे थे और उन्होंने अपनी अंगुली काट दी थी। उस दौरान पांडवों की पत्नी द्रौपदी उन्हें चोटिल देखकर इतनी व्यथित हुई कि उन्होंने कपड़े का एक टुकड़ा फाड़ दिया व उसे खून बहने वाली अंगुली से बांध दिया। कृष्ण इससे बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उसे बुराई से दूर करने का वादा किया। श्री कृष्ण ने इसे रक्षा सूत्र के रूप में स्वीकार किया और जब कौरवों ने उनका अपमान करने का प्रयास किया तब श्री कृष्ण के आशीर्वाद से द्रौपदी की साड़ी अंतहीन हो गई।