इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की डबल स्टोरी मार्केट में नशेड़ी लगाते हैं डेरा, रोकने वाला कोई नहीं
पंजाब सरकार ने नशे को खत्म करने का वादा किया था लेकिन यह वादा कब पूरा होगा इसका कुछ पता नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : पंजाब सरकार ने नशे को खत्म करने का वादा किया था, लेकिन यह वादा कब पूरा होगा इसका कुछ पता नहीं हैं। शहर में ऐसे कई सुनसान इलाके हैं जो नशेड़ियों के अड्डे बन चुके हैं। चाहे वह मिनी सचिवालय के साथ डबल स्टोरी मार्केट हो या फिर डाईट कॉलेज की बिल्डिंग। यह अब नशेड़ियों का अड्डा बन चुकी हैं। यही नहीं ऐसे कई और भी सुनसान इलाके हैं, जहां पर नशेड़ी आम तौर पर नशा करते पाए जा सकते हैं। समय की सरकारों ने इन प्रोजेक्टों को चाहे किसी और मकसद के लिए बनाया हो परंतु अब यह सिर्फ और सिर्फ नशेड़ियों के काम आ रहे हैं। यदि बात मिनी सचिवालय परिसर के समीप बनाई गई इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की मार्केट की हो तो यह इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का एक बड़ा प्रोजेक्ट था जो साल 2005 में शुरू हुआ था। चंद महीनों में लगभग 100 दुकानों की डबल मंजिल मार्केट खड़ी करके तैयार कर दी गई, लेकिन सरकार का सारा प्रोजेक्ट धरे का धरा रह गया और एक आध दुकान को छोड़कर कोई दुकान किराये पर नहीं चढ़ सकी और न ही बिकी।
अब हालात यह हैं कि यह मार्केट नशेड़ियों का अड्डा बन चुकी हैं और नशेड़ी सरेआम यहां पर नशा करते हैं। अकसर नशेड़ी टोलों में यहां आते हैं। सरेआम नशा करते हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। कुछ दिन पहले ही ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए बनाई गई सीढि़यों में कांटेदार तारें लगा दी गई हैं, लेकिन नशेड़ियों के लिए यह कांटेदार तार कोई मायने नहीं रखती। अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं है। यही हालात शहर के बाहर बनाए गए डाईट कॉलेज की बिल्डिंग के हो गए हैं। यह बिल्डिंग भी बनने के बाद प्रयोग में नहीं आई और वह खंडहर में तबदील हो गई। 100 के करीब दुकानों का था प्रोजेक्ट
मिनी सचिवालय बनने के बाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने सचिवालय के पास पड़ी अपनी जमीन में डबल स्टोरी मार्केट का प्लान तैयार करने का प्रोजेक्ट बनाया था। 2005 में कैप्टन सरकार के दौरान इसका नींव पत्थर रखा गया था और उसके बाद काम भी शुरू हो गया जो समय रहते मुकम्मल भी कर दिया गया। दो-तीन दुकानें ही किराये पर बिक पाई
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को इस मार्केट की दुकाने हाथोंहाथ बिकने का यकीन था, लेकिन ऐसा नहंीं हुआ। दो-तीन दुकानों को छोड़कर कोई दुकान नहीं बिक पाई और न ही कोई किराये के लिए ग्राहक इस तरफ आया। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दो तीन बार टेंडर भी निकाले थे पर कोई लाभ नहीं हुआ। लाभ लेने की बजाय इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की काफी राशि फंस गई और यह घाटे का सौदा बन गया।
नशेड़ियों के टोले घूमते हैं यहां
सरकार जो सपना डाईट कॉलेज की इमारत बनाने का था और जो इंप्रूवमेंट का ट्रस्ट का सपना था वह तो पूरा नहीं हो सका परंतु यह नशेड़ियों का अड्डा बन गई। रोजाना यहां पर नशेड़ियों के टोले घूमते हैं और दुकानों की आड़ में नशा करते हैं। यह कुछ नशा सप्लाई करने वालों के लिए डिलिग अड्डा बन गई है और यहां अकसर चोरी छिपे नशा बिकता है। दौरा करने पर यहां मेडिकल नशे की सीरिजें बिखरी हुई थी।