वूमेन कालेज की बिल्डिंग में सब तहसील खोलने के फरमान से मचा घमासान
गुरु नानक खालसा कालेज फार वूमेन कालेज में सब तहसील खोलने के चक्कर में पंजाब सरकार ने कालेज की बच्चियों के शिक्षा के मंदिर को ही दांव पर लगा दिया है जिससे कालेज की छात्राओं के चहरे सहमे है।
होशियारपुर, जेएनएन। पंजाब सरकार ने जब से शामचौरासी को सब तहसील का दर्जा दिया है तब से इलाके के लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर है। परंतु इस बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस फैसले से सहमे हुए हैं। चूंकि उनके भविष्य जो दांव पर लग चुके हैं। यह सहमे हुए चेहरे हैं गुरु नानक खालसा कालेज फार वूमेन कालेज में पढ़ने वाली छात्राओं के। सब तहसील के चक्कर में पंजाब सरकार ने इन बच्चियों के शिक्षा के मंदिर को ही दांव पर लगाते हुए इसमें सब तहसील खोलने का फैसला ले लिया है।
कई बार सरकार को इस समस्या का हल करने के लिए कहा है पर सरकार के नुमाइंदे धक्केशाही कर रहे हैं। यह कहना है कालेज मैनेजमेंट के सदस्यों का। इसी को लेकर वीरवार को श्री गुरु नानक खालसा कालेज फार वूमेन शामचौरासी के प्रबंधन के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में धक्केशाही पर उतरी आई है। इससे कालेज के बच्चे व स्टाफ परेशान हैं। क्योंकि यदि कालेज बंद हो गया तो उसके साथ उनकी नौकरी भी जाती लगेगी। कुल मिलाकर सरकार ने फैसला तो आमजन की भलाई, इलाके के उत्थान के लिए लिया है।
मैनेजमैंट के सचिव परमिंदर सिंह ढिल्लों ने कालेज की जमीन पर जबरन सब तहसील बनाने का आरोप लगाया। ढिल्लों ने बताया कि इस कालेज की स्थापना 2001 में संत बाबा तीर्थ ¨सह गढ़ा साहिब वाले ने दानी सज्जनों के सहयोग से की थी। इस कालेज में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के अलावा विभिन्न प्रकार के कोर्स भी करवाए जाते हैं। जिससे इस इलाके व आसपास के गांवों की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। इस कालेज को श्री गुरु नानक ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा है।
कालेज को स्थापित करने के लिए बाकायदा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एनओसी भी ली हुई है।
धक्के से लिया जा रहा सब तहसील बनाने का फैसला
ढिल्लों ने कहा कि शामचौरासी को सब तहसील का दर्जा प्राप्त हआ है यह खुशी की बात है। इलाके में विकास होगा। जो काम होशियारपुर होना व यहीं पर होगा, परंतु बाद में पता चला कि यह दफ्तर कालेज की जमीन पर ही बनेगा। इसी के चलते दशहरा को छुट्टी वाले दिन कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने चौकीदार से कालेज खुलवा कर मुआयना भी किया। जिसका ट्रस्ट सदस्यों ने विरोध किया। परमिंदर सिंह का कहना है कि यह सब कुछ राजनीतिक शह पर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कालेज में इस समय 80 से 100 के करीब लड़कियां पढ़ रही हैं। जबकि कोरोना से पहले यह संख्या काफी अधिक थी। अब इलाके में प्रचार किया जा रहा है कि कालेज बंद हो रहा है, इससे भी इलाके में यह भ्रम पैदा कर रहे हैं। परमजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि अगर कालेज बंद हो गया तो इन लड़कियों का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा। ट्रस्ट के विरोध की कापी जिलाधीश, एसडीएम व तहसीलदार को भी नोटिस भेजी गई है। इसकी एक प्रति मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी भेजी जाएगी।
इस मौके पर कालेज प्रिंसिपल जसवीर कौर, सुपरिंटेंडेंट कर्मजीत कौर, कमेटी सदस्य रनजीत सिंह, कमेटी सदस्य महिंदर सिंह व प्रोफेसर बलवंत सिंह मौजूद रहे। कोई धक्का नहीं हो रहा विधायक हलका शामचौरासी पवन कुमार आदिया ने कहा कि कोई धक्का नहीं हो रहा। साल 2019 में ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व राज्यसभा सदस्य वरिंदर सिंह बाजवा ने लिखित में लेटर जारी किया था कि कालेज की बिल्डिंग को प्रयोग किया जा सकता है। उसके बाद ही कार्रवाई की। यदि किसी को समस्या है तो वह यहां नहीं कहीं और इसका सेटअप करवा देंगे चूंकि कमेटी के पास और भी जमीन है। यह इलाके की भलाई का काम है और ऐसे कामों में विवाद नहीं होना चाहिए। कोई धक्केशाही नहीं की जा रही।