बैंक कर्मी काम पर लौटे, पहले दिन 11 सौ करोड़ का लेनदेन
बैंकों की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : बैंकों की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई। हड़ताल के तीन दिन बाद खुले बैंकों में चहल-पहल आम दिनों के मुकाबले थोड़ा अधिक रश रहा। तीन दिन के बाद बैंक खुलने से लोगों राहत की सास ली और सारा दिन कैश काउंटरों पर लेनदेन होता रहा । वहीं चेक क्लीयरेंस का काम थोड़ा प्रभावित हुआ चूंकि आज भी सारा दिन काम होने के बाद चेक क्लीयरेंस का काम अधिक होने के कारण अगले दिन पर चला गया। इस हड़ताल में जो लोग नहीं प्रभावित हुए जो आन लाईन मोबाईल एप या फिर नेटबैंकिंग से जुड़े हुए हैं। और कैश की कमी उन्हें नहीं खली जो क्त्रैडिट कार्ड के मालिक है। कुल मिलाकर लोगों को हड़ताल से परेशानी तो हुई लेकिन फिर भी मोबाईल एप ने बचा लिया। सोमवार को शुरु हुए बैंकों में लगभग 11 सौ करोड़ के लगभग काम हुआ। दो दिन में हुआ 15 सौ करोड़ रुपये का काम प्रभावित
दो दिन व रविवार को मिलकर तीन दिन तक बंद रहे बैकों में 15 सौ करोड़ रुपए का काम प्रभावित हुआ। इस हड़ताल में सभी बैंकों की कुल मिलाकर 350 शाखाएं बंद रही और जिला के कुल 3 हजार के करीब बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। वेतन बढ़ोतरी की माग को लेकर बैंक कर्मियों की 9 यूनियनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल की थी। जो सफल रही । बैंक प्रबंधन के साथ समझौता वार्ता विफल होने के बाद बैंक कर्मियों की 31 जनवरी को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी। भारतीय बैंक संघ के अड़ियल रुख के विरोध में यूनाईटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स ने 2 वर्ष 3 माह तक आईबीए के साथ 46 वार्ताओं हुई थी लेकिन कोई सम्मान जनक समझौता नहीं हुआ। क्या हैं हड़ताल के प्रमुख मुद्दे
-पे स्लिप कंपोनेंट पर 20त्न की बढ़ोतरी के साथ यथोचित लोडिंग
-सप्ताह में 5 दिन बैंकिंग,
-स्पेशल पे को बेसिक पे में मिलाए जाने, नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने,पारिवारिक पेंशन में सुधार , बैंकों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट पर वेलफेयर फंड का आवंटन,
-सेवानिवृत्ति लाभों पर इनकम टैक्स की छूट, लीव बैंक की स्थापना
-अधिकारियों के लिए काम के घटे तय करना,