लाकडाउन में नौकरी छूटी, अपने रोजगार में कमा रहे दोगुना
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में लंबे समय तक लाकडाउन लागू करना पड़ा। इस लाकडाउन से यहां कंपनियों का कारोबार प्रभावित हुआ वहीं दुकानों पर काम करने वाले युवाओं को अपने वर्षों पुराने रोजगार से हाथ धोने पड़ गए।
माहिलपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में लंबे समय तक लाकडाउन लागू करना पड़ा। इस लाकडाउन से यहां कंपनियों का कारोबार प्रभावित हुआ वहीं दुकानों पर काम करने वाले युवाओं को अपने वर्षों पुराने रोजगार से हाथ धोने पड़ गए। ऐसे हालात में कोरोना काल में उन लोगों के लिए बेरोजगारी बड़ी समस्या हो गई है, जो काम कर अपने परिवार का पेट भर रहे थे। ऐसी विकट स्थिति में कई लोगों ने अपने परिजनों को जिंदा रखने के जज्बे को मन में लेकर छोटे मोटे काम शुरू करने की हिम्मत दिखाई। ऐसे लोगों का कहना था कि लाकडाउन होने के बाद वह बेरोजगार हो गए। उन्हें अपने परिवार का पेट भरने के लिए समाजसेवी संस्थाओं के सहारे दिन काटने पड़े।
वेतन से ज्यादा कमा रहा हूं : संजीव कुमार
चब्बेवाल के पास होशियारपुर-गढ़शंकर सड़क पर सड़क किनारे रेडीमेड कपड़े बेचने वाले संजीव कुमार निवासी बस्सी कलां ने बताया कि वह 22 साल से होशियारपुर शहर में रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर काम कर रहा था। लाकडाउन लगने के बाद दुकान मालिक ने सहायता करने की बजाए काम से निकाल दिया। उसने दुकानदार दोस्त की सहायता से रेडीमेड कपड़े सड़क पर बेचने शुरू कर दिए। अब वह दुकान से मिलने वाले वेतन से ज्यादा कमा रहा है।
लाकडाउन ने बदल दी जिंदगी : हरजीत
कोटफातूही से गढ़शंकर जाने वाली बिस्त दोआब नहर के किनारे कपड़ों की दुकान लगाकर बैठे हरजीत ने बताया कि वह पहले दुकान पर काम करता था। लाक डाउन के कारण वह बेरोजगार हो गया। उसने अपना खुद का काम करना शुरू किया और आज वह अपने परिवार की हर जरूरत को पूरा कर रहा है। अब उसका काम धीरे धीरे बढ़ रहा है। लाक डाउन ने उसकी ¨जदगी बदल दी है।