नई मुसीबत: बाढ़ का संकट टला पर जलजमाव से अब संक्रमण का खतरा
तीन दिन लगातार बारिश के बाद मंगलवार को आसमान में बादल छटने से बाढ़ जैसे संकट के बादल तो टल गए हैं, लेकिन निचले इलाकों में बरसाती जलजमाव से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिन इलाकों में जलजमाव की स्थित बनीं हुई हैं, वहां पर मच्छरों के पैदा होने की संभावना बढ़ गई है। अगर मच्छर पैदा होंगे तो वह संक्रामक बीमारियों को भी जन्म देंगे। लिहाजा, प्रशासन को जल्द से जल्द जल जमाव की समस्या से निपटना होगा। और तो और बरसाती पानी पेयजल की सप्लाई में मिक्स होने से डायरिया भी पैर पसार सकती है। लिहाजा सावधानी बरतकर ही सेहत का ख्याल रखा जा सकता है।
हजारी लाल, होशियारपुर
तीन दिन लगातार बारिश के बाद मंगलवार को आसमान में बादल छटने से बाढ़ जैसे संकट के बादल तो टल गए हैं, लेकिन निचले इलाकों में बरसाती जलजमाव से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिन इलाकों में जलजमाव की स्थित बनी हुई हैं, वहां पर मच्छरों के पैदा होने की संभावना बढ़ गई है। अगर मच्छर पैदा होंगे, तो संक्रामक बीमारियां भी जन्म लेंगी। लिहाजा, प्रशासन को जल्द से जल्द जलजमाव की समस्या से निपटना होगा। और तो और बरसाती पानी पेयजल की सप्लाई में मिक्स होने से डायरिया भी पैर पसार सकती है। लिहाजा सावधानी बरतकर ही सेहत का ख्याल रखा जा सकता है।
होशियारपुर शहर की बात करें तो सुंदर नगर, भीम नगर, पिपलावालां, पुरहीरा इलाके व ऋषि नगर में जलजमाव की समस्या है। यहां पर बारिश होने के बाद कई-कई दिनों तक जलजमाव की समस्या रहती है। यह पानी से होने वाली बीमारियां फैलाने की जड़ साबित हो सकती है। डॉक्टर विशेषज्ञों का मानना है कि जलजमा होने पर मच्छर पैदा होते हैं और इनके काटने से कई बीमारियां इंसान को घेर लेती हैं।
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जलजमाव से समस्या
नंबर-1
-रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉ. अजय बग्गा के मुताबिक पानी जमा होने से मच्छर पैदा होते हैं। ऐसे मच्छरों के काटने से मलेरिया बुखार और टायफाइड बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। पांच से छह दिन के भीतर मच्छर पैदा हो जाते हैं।
नंबर-2
-अगर कहीं साफ बरसाती पानी खड़ा है और उसकी निकासी नहीं हो रही है तो सात दिनों के भीतर डेंगू मच्छर पैदा हो जाता है। ऐसे मच्छर के काटने से व्यक्ति डेंगू बुखार की चपेट में आ जाता है।
नंबर-3
-जलजमाव की सूरत में बरसाती पानी धरती में प्रवेश करता है। अगर कहीं पर वाटर सप्लाई में लीकेज या फिर इस पानी के पेयजल सप्लाई में मिक्स होने पर डायरिया फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
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सेहत विभाग व नगर निगम को दिखानी होगी गंभीरता
जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम और सेहत विभाग दोनों को मिलकर गंभीरता दिखानी होगी। निगम यह जिम्मेदारी तय करे कि जहां-जहां पर बरसाती पानी जमा है, उसे शीघ्र से शीघ्र बाहर निकाला जाए। इसके साथ ही सेहत विभाग को मच्छर पैदा न हों, इसके लिए दवाओं का छिड़काव करवाना होगा। ऐसा कदम उठाकर संक्रामक बीमारी के खतरे को टाला जा सकता है।
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लोगों को भी बरतनी होगी सावधानी : डॉ. शैलेष कुमार
स्वास्थ्य विभाग के एपीडेमोलॉजिस्ट डॉ. शैलेष कुमार का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग तो सतर्क हो गया है, लेकिन लोगों को भी सावधानी बरतनी होगी। लोगों को चाहिए कि वह जहां तक हो सके जलजमाव न होने दें। अगर कहीं पर पानी जमा है, तो उसमें काला तेल (जला हुआ मोबिल आयल) छिड़क दें। इससे भी मच्छर पैदा नहीं होते हैं। पानी उबालकर ही पीएं। क्लोरिन युक्त पानी का सेवन करें, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
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यह सावधानी भी बरतें लोग
-शौच जाने के बाद अच्छी तरह से साबुन से हाथ धोएं।
-खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद भी अच्छी तरह से हाथ धोएं।
-सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही उसे बनाएं।
-ज्यादा पके हुए फल और सब्जियां न खाएं।
-बासी खाद्य पदार्थ से परहेज करें।
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समस्या से निपटने के लिए अधिकारियों को दी गई है हिदायत : अरोड़ा
कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा है कि उन्होंने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने की हिदायत दी है। जल्द से जल्द जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए कहा गया है। ऐसे इलाकों में मच्छर पैदा न हों, इसके लिए भी विशेष कदम उठाने को कहा गया है।
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दैनिक जागरण की अपील
आपके आसपास कहीं पर जलजमाव है और अगर समस्या थोड़ी है, तो खुद ही उसका समाधान करें। अगर ऐसा संभव नहीं हो पाता है, तो संबंधित इलाका पार्षद और अगर गांव में ऐसी समस्या से है तो संबंधित सरपंच के ध्यान में लाकर जलजमाव की समस्या को प्रशासन तक पहुंचाएं। कोशिश यही करें कि कहीं पर बरसाती पानी खड़ा न रहे। अगर, बरसाती पानी खड़ा नहीं होगा, तो मच्छर भी नहीं पैदा होंगे।