सोशल मीडिया का एेसा साइड इफैक्ट, नाबालिग लड़कों में बढ़ रहा यह खतरनाक क्रेज
पंजाब में नशे के साथ-साथ हथियारों के प्रति भी युवा वर्ग आकर्षित हो रहा है। सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों की फोटो देख आजकल के युवा उनसे प्रभावित होते नजर आ रहे हैं।
माहिलपुर [रामपाल भारद्वाज]। सोशल नेटवर्किंग साइट्स दुनिया के लोगों में अपनी पैठ बना चुकी हैं और हर इन्सान इस इंटरनेट युग में किसी न किसी प्रकार जुड़कर अपने विचारों को दूसरे लोगों तक पहुंचाने में लगा हुआ है। वहीं, इसके विपरीत दुरुपयोग के मामले भी सामने आते रहते हैं। इसमें फेसबुक, ट्विटर, वाट्सअप, गूगल प्लस, यू-ट्यूब, लिंकडिन, डिस्कस, स्नैपचैट, पिनट्रेस्ट, इंस्टाग्राम प्रमुख हैं।
पंजाब में नशे के साथ-साथ हथियारों के प्रति भी युवा वर्ग आकर्षित हो रहा है। फेसबुक और वाट्सअप पर गैंगस्टरों की हथियारों के साथ फोटो देख आजकल के युवा उनसे प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। गैंगस्टरों की तरह ही पिस्तौल, तलवार या तेजधार हथियार पकड़ फोटो करवा कर उसे सोशल मीडिया पर डालना आज का युवा वर्ग फा महसूस करने लगा है।
पंजाब में ज्यादातर दूसरे राज्यों से आकर यहां पढ़ाई करने वाले नौजवान गलत संगत में पड़कर नशे और गुंडागर्दी की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में यहां अवैध हथियार आम मिल जाते हैं और वहां के युवक सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हथियारों को पकड़े हुए फोटो डालते रहते हैं। उसकी की देखादेखी पंजाब के नाबालिग बच्चे अपने घरवालों के लाइसेंसी हथियार उठाकर अपनी फोटो शेयर करने में खुशी महसूस कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करने में उनके माता-पिता रोकने के बजाय उत्साहित कर खुशी व्यक्त करते हुए दूसरों को अपने बच्चों की फोटो दिखाते नजर आते हैं।
युवाओं में धीरे-धीरे खत्म हो रहा कानून का डर
अकसर देखने में आता है कि गैंगस्टरों की फेसबुक पर बदले वाली कार्रवाई, धमकियां आदि जैसे मैसेज जब सोशल मीडिया के जरिए आम युवाओं तक पहुंचते हैं तो कहीं न कहीं यह मैसेज जाता है कि पुलिस प्रशासन इन गैंगस्टरों के आगे बौना हो चुका है। धीरे-धीरे इन मैसेजों से प्रभावित होकर युवाओं में कानून का डर खत्म होता जाता है। इसका परिणाम निकलता है कि उन युवाओं के मन में भी गैंगस्टरों का चाल चलन घर कर जाता है।
क्राइम रेट घटाना है तो पुलिस सोशल मीडिया पर रखे नजर
समाजसेवी नरिंदर मोहन निंदी व पर्यावरण प्रेमी विजय बंबेली ने कहा कि पुलिस प्रशासन को चाहिए कि ऐसी साइट्स की जांच कर उन पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने इन बच्चों के घरवालों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों के हाथ मे हथियार पकड़ाने से आप इनके प्रति अपना प्यार नही बल्कि उनके प्रति दुश्मनी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को हथियार नहीं ज्ञान रुपी हथियार पकड़ा कर खुशी महसूस करनी चाहिए।