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सामाजिक समरसता ही विश्व बंधुत्व की पहली सीढ़ी: महंत जी

बाबा लाल दयाल आश्रम दातारपुर के महंत रमेश दास जी महाराज ने प्रवचन किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 03:35 PM (IST)
सामाजिक समरसता ही विश्व बंधुत्व की पहली सीढ़ी: महंत जी
सामाजिक समरसता ही विश्व बंधुत्व की पहली सीढ़ी: महंत जी

संवाद सहयोगी, दातारपुर : बाबा लाल दयाल आश्रम दातारपुर के महंत रमेश दास जी महाराज के साथ सामाजिक साझीवालता कार्यक्रम में शिरकत करने के उपरांत कार्यक्रम के पंजाब प्रमुख प्रमोद कुमार ने मुलाकात की। महंत रमेश दास जी व प्रमोद कुमार ने संयुक्त बयान में दैनिक जागरण के साथ चर्चा करते हुए कहा कि हमारी भारत भूमि संतों, मुनियों और राष्ट्रभक्तों के खून पसीने से सीची गई तपोभूमि है। जिसने दुनिया को समरसता का संदेश दिया। भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता ही यही है कि यह किसी इंसान या प्राणी में परायापन नहीं देखती, सभी को एक समान मानती है। वसुधैव कुटुंबकम हमारा संस्कार आदिकाल से है। सामाजिक समरसता हमारे देश की संस्कृति है। ऐसा पर्व-त्योहार व पारिवारिक महोत्सव में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। सभी जाति, धर्म के लोग एक-दूसरे के समारोह में शामिल होकर खुशियां बांटते हैं। महंत जी व प्रमोद कुमार ने कहा हम जिस भारत देश के निवासी है, वो किसी एक धर्म, संप्रदाय, पंथ या भाषा का देश न होकर गंगा-जमुनी तहजीब का प्राचीन भारत देश है। यहां दुनिया के सभी धर्मों को मानने वाले लोग बसते हैं। भले ही सभी की मान्यताएं या विश्वास अलग-अलग हो, लेकिन इन सभी धर्मों में एक ही अलौकिक शक्ति पाने की चाह तथा इंसानों के उपकार की भावना निहित है। इस लिहाज से भले ही सबके रास्ते दिखने में अलग-अलग हो, लेकिन मंजिल सबकी एक ही है। वर्तमान समय में भारत में त्योहारों की शुरुआत हो रही है। देश के हर कोने में दुर्गा पूजा के पंडाल व दशहरा मेले का आयोजन किया जाता है। यह एक ऐसे अवसर के समान होते हैं, जहां एक ही सोसायटी या मोहल्ले में रहने वाले दो पड़ोसी भी एक साथ शामिल होकर परस्पर खुशियां बांटते हैं। भले ही आम दिनों में बात न होती हो। हमें हमारे बच्चों को भी यह संस्कार देना चाहिए। जिससे समाज में एकता व समरसता बढ़े। श्रेष्ठ व्यक्तित्व से ही श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण संभव है। आने वाली पीढ़ी के लिए संस्कार एवं शिक्षा का बहुत महत्व है। देश के विकास के लिए सामाजिक एकता की आवश्यकता होती है और समाज में एकता की पहली शर्त है सामाजिक समरसता। जब समाज में समरसता आएगी, तो सामाजिक एकता अपने आप आएगी। इस अवसर पर प्रदीप ऐरी, संजीव भारद्वाज, अनीता, कमला, राजिदर छोटू व अन्य उपस्थित थे।

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