शैक्षणिक संस्थान खोलने पर संशय, अभिभावक बच्चे स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं
ंजाब सरकार ने 15 अक्टूबर कुछ शर्तों सहित स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इसके चलते नौंवी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की अनुमति से स्कूलों में बुलाया जा सकता है लेकिन इस आदेश को लेकर अभी तक बहुत से स्कूलों में संशय की स्थिति पाई जा रही है।
जागरण टीम, होशियारपुर : पंजाब सरकार ने 15 अक्टूबर कुछ शर्तों सहित स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इसके चलते नौंवी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की अनुमति से स्कूलों में बुलाया जा सकता है, लेकिन इस आदेश को लेकर अभी तक बहुत से स्कूलों में संशय की स्थिति पाई जा रही है। जहां पर सरकारी स्कूलों की बात की जाए, तो उन्होंने पिछले दो-तीन दिन से स्कूल के कमरों की सफाई करवा ली है तथा बच्चों के बैठने वाले डेस्कों की भी साफ-सफाई करवा कर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कुछ स्कूलों ने बच्चों के लिए सैनिटाइजर और मास्क भी इमरजेंसी के हालत सूरत मंगवा लिया है ताकि अगर बच्चा घर से यह चीजें न लेकर आए, तो उसे स्कूल से उपलब्ध करवा दी जाए। लेकिन स्कूल प्रबंधन अभी विभागीय अधिकारियों के पत्र का इंतजार कर रहे हैं। जब तक विभाग उन्हें स्कूल खोलने की इजाजत नहीं देता तब तक इस बारे में बच्चों को कुछ नहीं कहा जा सकता। दूसरी तरफ बच्चे बार-बार स्कूलों के अध्यापकों को फोन करके पूछ रहे हैं कि क्या स्कूल वीरवार से लगने वाले हैं तथा किन बच्चों ने स्कूल में आना है। वैसे विभाग ने साफ कर दिया है कि बच्चों की हाजिरी को जरूरी नहीं बनाया जा सकता जो, बच्चे घर बैठकर पढ़ना चाहते हैं, उन्हें घर पर ही आनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी।
शिक्षा मंत्री के बयान चर्चा का विषय बने हुए हैं, क्योंकि शिक्षा मंत्री ने साफ कहा हुआ है कि जब तक कोरोना का इलाज नहीं आ जाता, तब तक स्कूल खोलने का रिस्क नहीं उठाया जा सकता, अगर स्कूल खुलते भी है, तो एक डेस्क पर एक ही बच्चा बैठाया जाएगा तथा एक कक्षा के 20 बच्चे ही स्कूल बुलाए जा सकते हैं। अगर स्कूल में बच्चे ज्यादा है, तो उसको दो शिफ्ट में लगाया जा सकता है। एक शिफ्ट तीन घंटे की हो सकती है। क्योंकि अध्यापकों की हाजिरी बायोमीट्रिक पर नहीं लगनी इसलिए अध्यापकों के भी समय पर पहुंचने की कोई गारंटी नहीं है। शहर के प्राइवेट स्कूलों पर भी सरकारी नियम पूरी तरह से लागू होंगे उन्हें भी उन्हीं बच्चों को स्कूल में आने की इजाजत देनी होगी। जिनके अभिभावक इसकी लिखित परमिशन देंगे क्योंकि अगर किसी को कोरोना के चलते कोई नुकसान हो गया, तो फिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। जहां तक बसों का सवाल है। ज्यादातर स्कूलों के पास अपनी बसें नहीं
पड़ताल करने पर मालूम पड़ा है कि स्कूलों को छोड़कर किसी भी सरकारी स्कूल के पास अपनी बसें नहीं है। वहां पर बच्चे अपने साइकिल जा दूसरे साधनों द्वारा ही स्कूल पहुंचते हैं। वैसे प्राइवेट स्कूल वालों ने अपनी बसों को सैनिटाइजर करवा लिया है ताकि सरकार के आदेशों की पालना करते हुए बच्चों की सेहत को भी ठीक रखा जा सकें। सरकारी आदेशों के अनुसार बस में भी बच्चे जरूरत से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकेंगे। इस बारे में कोई जानकारी नहीं : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी संजीव गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ है। इसलिए इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकते। जो आदेश मिलेंगे उन्हें पूरी तरह से लागू किया जाएगा: राकेश
उप जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी राकेश कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि सरकार अथवा विभाग के अधिकारी जो भी आदेश देंगे। उन्हें पूरी तरह से लागू करवाया जाएगा। किसी भी बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डालने दिया जाएगा, जो स्कूल सरकार द्वारा जारी एसओपी की अवहेलना करेंगे उनके मानिटरिग करके उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थियों के अभिभावकों से लेंगे राय: एमडी प्रो. मनोज
ट्रिपल एम पब्लिक स्कूल फतेहगढ़ रोड होशियारपुर के एमडी प्रो. मनोज कपूर ने कहा कि फिलहाल वह वीरवार से विद्यार्थियों के अभिभावकों से राय लेंगे कि वह बच्चों को भेजना चाहते है या नहीं। जो अभिभावक बच्चों को भेंजेंगे, उन्हें स्कूल में पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। जो अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, उन्हें आनलाइन पढ़ाया जाएगा। इसी बीच, हिज इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल, नान मेडिकल एंड कार्मस के एमडी डा. आशीष सरीन ने कहा कि इस बारे में अभिभावकों की राय ली जा रही है। जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उसके हिसाब से अगला कदम उठाया जाएगा। इसी प्रकार से अन्य स्कूल प्रबंधन भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावकों की राय ले रहे हैं। यात्री हो रहे हैं प्राइवेट बस चालकों की लूट का शिकार
पंजाब में कुछ समय पहले ही बस सेवा शुरू कर दी थी जो कि पंजाब के कुछ जिलों तक ही सीमित थी। बुधवार को कुछ यात्रियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्राइवेट बस चालक मनमर्जी का किराया सवारियों से वसूल रहे है। यह भी बताया कि चंडीगढ़ डिपो ने बीस फीसद किराए में बढ़ोतरी कर दी है मगर प्राइवेट बस चालक तो सीधे दोगुना किराया वसूल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ बस परिचालक तो सुबह होशियारपुर से माहिलपुर तक का किराया ही एक सौ रुपये मांग लेते है नहीं देने पर बीच रास्ते ही उतार देते हैं। सरकार ने अभी तक कोई नए रेट नहीं जारी किए हैं मगर प्राइवेट बस चालक अपनी मर्जी से ही किराया वसूल रहे हैं। आज से दिल्ली व जम्मू के लिए भी शुरू हो जाएगी बस सेवा
अड्डा इंचार्ज सुरिदर कुमार ने बताया कि होशियारपुर डिपो की तरफ से जम्मू-कश्मीर के लिए बस सेवा देने की सारी तैयारी पूरी कर ली है। तीन बसें दिल्ली और दो जम्मू के लिए चलाई जाएंगी। हिमाचल प्रदेश के लिए पांच बसें चलानी शुरू कर दी गई हैं। दो बसें धर्मशाला, एक चितपूर्णी, एक ज्वाला जी और एक ऊना के लिए चलनी शुरू हो गई है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से भी तीन बसें आ रही हैं। एक बस ज्वाला जी, एक ऊना और एक बस धर्मशाला से आ रही है। होशियारपुर डिपो पर हिमाचल प्रदेश के काउंटर पर भीड़ दिखी। राजस्थान के लिए अभी बसें नहीं चलेंगी। कल से सिनेमा हाल भी खुल जाएंगे
स्वर्ण सिने कांप्लेक्स के मैनेजर नेत्र प्रकाश ने बताया कि सिनेप्लेक्स को खोलने के लिए सभी प्रबंध मकम्मल कर लिए गए हैं। थर्मो स्क्रीनिग और सैनिटाइजर करके ही दर्शकों को सिनेमा हाल में प्रवेश करवाया जाएगा। 200 की कैपेसिटी वाले हाल में केवल 50 दर्शकों को ही बिठाया जाएगा। फिल्मों के बाबत बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी अरदास करा या अन्य पाजिटिविटी क्रिएट करने वाली पुरानी फिल्मों को ही दिखाया जाएगा। दर्शक नई फिल्में दीपावली के नजदीक ही देख पाएंगे।