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दर्दनाक: आइकार्ड की डोर गले में फंसने से सात साल की बच्ची की मौत, तीसरी में पढ़ती थी छात्रा

खेल-खेल में सात वर्षीय बच्ची के गले में स्कूल आइकार्ड की डोर फंस गई। इसके कारण उसने दम तोड़ दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 02:22 PM (IST)
दर्दनाक: आइकार्ड की डोर गले में फंसने से सात साल की बच्ची की मौत, तीसरी में पढ़ती थी छात्रा
दर्दनाक: आइकार्ड की डोर गले में फंसने से सात साल की बच्ची की मौत, तीसरी में पढ़ती थी छात्रा

जेएनएन, हाजीपुर। खेल-खेल में आइकार्ड की डोर गले में फंसने से तीसरी कक्षा में पढ़नेे वाली सात वर्षीय बच्ची जसमीत कौर मौत हो गई। दरअसल, बच्ची घर पर खेल रही थी। वह बेड पर पर चढ़ी और खूंटी पर लटके अपने स्कूल आइकार्ड को गले में डालने का प्रयास करने लगी। इसी दौरान आइकार्ड की डोर उसके गले में फंस गई और उसने दम तोड़ दिया। घटना रविवार की है। उस वक्त बच्ची घर पर अकेली थी। घटना होशियारपुर जिले के कस्बा हाजीपुर के गांव रैली की है।

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सात वर्षीय बच्ची जसमीत यहां अपनी नानी के पास रहती थी। बच्ची के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि वह परिवार के साथ पठानकोट में रहते हैं। वहां वह बढ़ई का काम करते हैं। उसकी पत्नी माता-पिता की इकलौती संतान है। शादी के बाद उसके घर एक बेटे और एक बेटी ने जन्म लिया। बच्ची को उसकी नानी ने अपने पास रखने की इच्छा जताई। इस समय वह ननिहाल में रह रही थी।

गत दिवस बच्ची की नानी कांता सुबह पशुओं को चारा डालने के लिए गई थी। तेज धूप के कारण वह जसमीत को साथ लेकर नहीं गई। पीछे से जसमीत बेड पर चढ़ी और खूंटी पर टंगे अपने आइकार्ड को उतारने की कोशिश करने लगी। खूंटी बेड से थोड़ी दूर थी। पैर फिसलने से आइकार्ड की डोर बच्ची के गले में फंस गई और उसे फंदा लग गया। जब उसकी नानी वापस घर पहुंची तो वह खूंटी से लटक रही थी। बच्ची को खूंटी से उतारकर डॉक्टर बुलाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

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