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जल संरक्षण सोसायटी ने उठाया पानी बचाने का बीड़ा

जल की बर्बादी रोकना समय की पुकार है। आज हम जल की बर्बादी नहीं रोकेंगे तो आने वाला कल मुश्किल में पड़ जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 12:22 AM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 12:22 AM (IST)
जल संरक्षण सोसायटी ने उठाया पानी बचाने का बीड़ा
जल संरक्षण सोसायटी ने उठाया पानी बचाने का बीड़ा

हजारी लाल, होशियारपुर

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जल की बर्बादी रोकना समय की पुकार है। आज हम जल की बर्बादी नहीं रोकेंगे तो आने वाला कल मुश्किल में पड़ जाएगा। इसी मिशन को आगे बढ़ा रही होशियारपुर की जल सरंक्षण सोसायटी। सोसायटी ने अपने प्रयासों से जल बचाने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए अभी तक जिले में 19 रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा चुकी है। सोसायटी का मिशन है कि हरेक घर में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगे ताकि एक-एक बूंद जल को सहेजा जा सके। सोसायटी के संस्थापक संजीव तलवाड़ के मार्गदर्शन में सोसायटी के सदस्य दिन-रात जल बनाने के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी मेहनत भी रंग ला रही है। क्योंकि लोगों में जागरूकता आने से जल की बर्बादी भी रुकने लगी है।

दैनिक जागरण के साथ बातचीत में सोसायटी के संस्थापक संजीव तलवाड़ ने बताया कि बात है 2009 की। वह और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक टूटी खुली है और पानी व्यर्थ बह रहा है। सबसे पहले तो उन्होंने खुली टूटी को बंद किया। इस पर उनके मन में सवाल उठा कि न जाने कितने लोग ऐसे होंगे, जो जागरुकता के अभाव में पानी की बर्बादी करते होंगे। सो, उन्होंने जल बचाने के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए उसी साल जल सरंक्षण सोसायटी का गठन किया। इसके साथ उन्होंने सदस्यों को जोड़ना शुरू किया। शुरुआती दौर में सदस्यों को बनाने में दिक्कत आई, लेकिन उन्होंने बुलंद हौंसले से अपना मिशन जारी रखा। वर्तमान समय में सोसायटी में 450 से ज्यादा सदस्य हैं। सभी सदस्यों को एक ही मंतव्य है कि जल बचाने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना। बड़े सुकून के साथ तलवाड़ कहते हैं कि उन्हें आज इस बात का बहुत सुकून मिलता है कि उनकी सोसायटी के प्रयासों से अभी तक जिले में 19 जगहों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए जा चुके हैं।

सोसायटी के सदस्य अलग-अलग तौर पर काम करते हैं। वह शहर से लेकर गांवों तक लोगों को जल बचाने और घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाने के लिए प्रेरित करते हैं। यह सिस्टम लगाने में सात से बीस हजार रुपए तक खर्च आता है, लेकिन पानी की बचत बेमिसाल होती है। उन्होंने बताया कि अब उनकी सोसायटी तीन बिदुओं पर काम कर रही है। तीन बिंदुओं पर काम कर रही सोसायटी

सबसे पहले लोगों को जल की महत्ता समझाते हुए जल को बचाने के लिए प्रेरित करती है। दूसरा, जो लोग जागरूक हो गए हैं, उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वह अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाएं। इससे जल जमाव की समस्या भी खत्म होगी और बरसाती पानी की भी बचत होगी। तीसरा, जब वह किसी के घर में जाते हैं तो बैठते ही वह घर के सदस्य कहते हैं कि जितने व्यक्ति हैं, उतना खाली गिलास और एक जग पानी का दे दें। जिस व्यक्ति को जितना जल पीना होगा, वह गिलास में खुद ही डाल लेगा। उनका मानना है कि इस फार्मूले से भी जल की बचत होती है। तलवाड़ का सपना-एक बूंद भी न बहे व्यर्थ

तलवाड़ ने कहा कि सोसायटी का सपना है कि समाज में इतने रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लग जाएं कि बरसाती जल की एक बूंद भी बर्बादी न हो। इसके लिए वह भविष्य में युद्ध स्तर पर मिशन चलाएगी और इस काम को सिरे चढ़ाने के लिए और भी लोगों को अपने साथ जोड़ेगी। खास बात यह है कि सोसायटी का सदस्य बनना पूरी तरह से नि:शुल्क है।

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