पर्यावरण बचाना है तो लगाएं तुलसी : राजगिरी
तुलसी एक साधारण पौधा नहीं बल्कि प्रदूषण नियंत्रक और पर्यावरण मित्र औषधीय गुणों से भरपूर है।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : तुलसी एक साधारण पौधा नहीं बल्कि प्रदूषण नियंत्रक और पर्यावरण मित्र औषधीय गुणों से भरपूर है। युगों से हमारे घरों में इस अमृततुल्य बूटी की स्थापना व सम्मान होता आया है। मां कमाक्षी दरबार कमाही देवी में महंत राजगिरी जी ने तुलसी का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे घरों में सुबह-शाम इसकी पूजा का विधान है। लोग मानते हैं कि जिस घर तुलसी वह घर निरोगी। आजकल भागम-भाग की जीवनचर्या, छोटे-छोटे मकान, समय की कमी, पश्चिमी सभ्यता के प्रभावसे तुलसी का वह सम्मान नहीं रहा है। महंत ने कहा कि देखने में आता है कि गांव में तो अभी भी तुलसी घरों की शोभा है पर शहरों में बहुत ही कम लोग इसका महत्व समझते हैं। तुलसी के जड़ से लेकर तना, पत्ते और मंजरी सभी औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके पत्ते के सेवन से खांसी, दमा, बुखार, जुकाम, आंत रोग, महिला रोग आदि रोग तो दूर होते ही है। रासायनिक विश्लेषणों से भी सिद्ध हुआ है कि तुलसी कीटाणुनाशक होती है। उन्होंने पर्यावरण रक्षा के लिए तुलसी लगाने का आह्वान किया।