गुरुजनों के दिखाए मार्ग पर चलने से होगा उद्धार : साथ्वी भारती
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से दीपावली के उपलक्ष्य में गौतम नगर आश्रम में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी राज¨वदर भारती ने अपने प्रवचनों में बताया कि युवा जो समाज की, देश की रीढ़ की हड्डी कहलाता है उन्हीं युवाओं के उज्जवल भविष्य को मद्देनजर रखते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जेएनएन, होशियारपुर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से दीपावली के उपलक्ष्य में गौतम नगर आश्रम में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी राज¨वदर भारती ने अपने प्रवचनों में बताया कि युवा जो समाज की, देश की रीढ़ की हड्डी कहलाता है उन्हीं युवाओं के उज्जवल भविष्य को मद्देनजर रखते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि गुरु महाराज जी के विश्व शांति के महान उद्देश्य में एक योगदान रुपी कड़ी जोड़ने के लिए, उन्हीं के मार्गदर्शन में देश के युवाओं पर केंद्रीत यह कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत लोगों को नशा मुक्त व प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसी उदद्ेश्य से इस वर्ष भी दिवाली के अवसर पर आए हुए लोगों को अच्छी और बुरी दिवाली का अर्थ समझाया। आज अपनी इच्छा पूरी करने के लिए बहुत से लोग कहते हैं कि दीवाली का दिन जुआ खेलने के लिए अति शुभ होता है। हाई-टेक युवाओं का तो कहना ही क्या। शराब के साथ हाई टेक तरीके से जुआ भी खेलते है। ई-जुआ यानि इन्टरनेट पर जुआ खेलते है और जब लाखों रुपये हार जाते हैं तो फिर आत्महत्या करने की सोच बैठते है।
दीवाली के दिन जिन पटाखों को जलाकर हम खुशी मनाते है वही पटाखे तांबे, सीसा, जस्ता जैसे पदार्थो से बने होते है- जो हवा को जहरीला बना देते हैं। हवा के साथ ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े भी दौड़ में पीछे नही है। बम पटाखों का शोर सारी सीमाओं को लांघ जाता है जो बेहद नुकसानदायक सिद्ध होता है न सिर्फ इंसानों के लिए बल्कि जानवरों के लिए भी। इसलिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लोगों को पेपर पटाखे चलाने के लिए प्रेरित किया और पेपर पटाखे बना कर चलाए भी। उन्होंने लोगों को समझाया कि हमारे हर चयन का पृथ्वी पर 1या असर पड़ता है और अंत में सभी ने शुभ दीवाली का संकल्प लेते हुए हाथों में दिए जलाए व यह शपथ ली कि हम सदैव जागो मुहिम के अंतर्गत प्रदूषण मुक्त व नशा मुक्त दिवाली ही मनाएंगें और समाज को भी इसके लिए प्रेरित करेंगें।