प्रभु की अनुभूति करवा उससे जोड़ना सतगुरु का मिशन : महात्मा गुरदेव ¨सह
गुरसिख अंतिम स्वास तक गुरु वचनों को अपने जीवन में अपना कर चलता है। सतगुरु के वचनों को गुरसिख कर्म द्वारा जन जन तक पहुंचाता है। इन शब्दों का प्रगटावा संत निरं
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा
गुरसिख अंतिम सांस तक गुरु वचनों को अपने जीवन में अपना कर चलता है। सतगुरु के वचनों को गुरसिख कर्म द्वारा जन-जन तक पहुंचाता है। यह प्रवचन संत निरंकारी मिशन के महान विद्वान प्रचारक महात्मा गुरदेव ¨सह काकूवाल ने संत निरंकारी सत्संग भवन तलवाड़ा में संयोजक महात्मा सु¨रदर ¨सह सोखी की अध्यक्षता में आयोजित संत समागम में कहे।
महात्मा गुरदेव ¨सह काकूवाल ने कहा कि पांच रोगों से इंसान कोअपना बचाव करना चाहिए। ये हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार।
उन्होंने कहा कि इंसान को ईश्वर की कृपा से मिले शरीर को तंदुरुस्त रखना है, ताकि वह उसे इंसानियत की सेवा में लगा सके। इंसान को निराकार ईश्वर की अनुभूति करवाकर उसके साथ जोड़ना सतगुरु का मिशन होता है। गुरु के वचनों पर हमेशा खड़े रहते हुए नशे से दूर रहना, किसी से नफरत तकरार नहीं करना, सभी से प्यार करना, एकत्व को स्थापित करना अयादि वचनों को अपनाने से समाज में शांति स्थापित होगी।
उन्होंने कहा कि प्रभु को अपना सहारा मानते हुए गुरु अनुसार जीवन गुजारा जाए। जब गुरसिख गुरु शिक्षा को भूल जाता है, तो वह कई प्रकार के भम्र में फंसकर दुख भोगता है। प्रभु का सिमरन सबसे ऊंचा है। ईश्वर के ज्ञान से बढ़कर और कुछ नहीं है।
अंत में उन्होंने हर वर्ष आयोजित होने वाले वार्षिक निरंकारी संत समागम के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इस बार वार्षिक संत समागम समालखा (पानीपत) में होने जा रहा है। जिसमें सभी बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। इस अवसर पर संयोजक तलवाड़ा सु¨रदर सोखी ने महात्मा का स्वागत किया। इस अवसर पर बहन चरनजीत कौर, सेवादल संचालक नरेश कुमार, शिक्षक सुभाष कुमार, बलबीर ¨सह, अर्श सोखी सहित अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित थे।