संजीवनी ही¨लग्स से प्रशस्त चेतना यात्रा का मार्ग
होशियारपुर, शहर के बसंत विहार स्थित उत्तर भारत के प्रमुख एवं अदभुत ही¨लग सेंटर में से एक संजीवनी ही¨लग्स सेंटर में संजीवनी ही¨लग ग्रैंड मास्टर मिसेज संगीता मित्तल ने साधकों को संजीवनी ही¨लग के गुर सिखाए। मिसेज मित्तल ने यूनिवर्सल लाइफ फॉर्स एनर्जी के अनुभवों से साधकों को अवगत कराया और उनका शक्तिपात
जेएनएन, होशियारपुर
शहर के बसंत विहार स्थित संजीवनी ही¨लग्स सेंटर में संजीवनी ही¨लग ग्रैंड मास्टर संगीता मित्तल ने साधकों को संजीवनी ही¨लग के गुर सिखाए। इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सल लाइफ फोर्स एनर्जी के अनुभवों से साधकों को अवगत कराया और उनका शक्तिपात करते हुए स्व अनुभव से चेतना के मार्ग पर ले जाने का प्रयास किया।
दो दिवसीय संजीवनी ही¨लग्स वर्कशॉप में संगीता मित्तल ने साधकों से को जागरूक अवस्था क्या होती है, के बारे में बताया। एक जागा हुआ व्यक्ति कभी भी जीवन में धोखा नहीं खाता। हमारी सोच चाहे जैसी भी हो, लेकिन हमें यह यकीन पूरे तौर पर रखना चाहिए कि ब्रह्मांड हमें निश्चित रूप में वह दे रहा होता है, जो हम पूरे संवेदनशील हृदय से पाना चाहते हैं।
हर घटना हमारे जीवन में हमें कुछ न कुछ सिखाने के लिए आती है। अब यह आप लोगों के ऊपर है कि आप कितना इसको ग्रहण कर पाते हैं। समुद्र किनारे कोई बैठा हो और छलांग लगाने से डरता हो, परंतु वहीं गोताखोर नीचे जाकर मोती चुन लाता है। यह चेतना का मार्ग भी कुछ ऐसा ही है, परंतु डरना नहीं है। सुनो, पहचानो, इसके बारे में और जानो। हम कभी भी वापस मुड़ कर शुरुआती दौर पर नहीं पहुंच सकते। तो क्यों न हम अब वर्तमान क्षण से शुरु कर दें।
उन्होंने बताया कि ही¨लग वर्कशॉप के बाद 21 दिन लगातार अभ्यासरत रहना है। दो दिन भी छुट्टी की, तो आप 2 सीढि़यां नीचे उतर जाएंगे। एक विशेष स्थान पर रोज इस ध्यान को करेंगे और जगह नहीं बदलनी, क्योंकि एक ही जगह पर ध्यान बार-बार करने से जगह चार्ज हो जाती है और यह भी ध्यान रखें कि ध्यान का समय भी रोज एक ही हो। यह एनर्जी का खेल है। इसलिए इस रेकी कोर्स के रूल्स को फॉलो कीजिए। डॉक्टर उसुई ने जो सिद्धांत दिए हैं, उन्हें ध्यानपूर्वक फॉलो करना है।