Road Safety: होशियारपुर में सिस्टम की ब्रेक फेल, सड़कों पर वाहन बेलगाम
आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में सड़क हादसे में लगभग 50 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 60 प्रतिशत से हादसे तेज रफ्तार की वजह हुए हैं। बड़ा कारण यह है कि कोई स्पीड लिमिट का पालन नहीं करता है।
हजारी लाल, होशियारपुर : सड़कों पर टूटती जिंदगी की डोर के पीछे वाहनों की तेज रफ्तार काफी हद तक जिम्मेदार है। अधिकतर सड़कों पर स्पीड लिमिट तय नहीं की गई है। जिन सड़कों पर स्पीड लिमिट तय भी है, वहां नियमों को लेकर चालकों में खौफ नहीं है। पुलिस निहत्थी है। उसके पास स्पीडोमीटर नहीं है। इस आलम में मनचाही रफ्तार भर ली जाती है, लिहाजा सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में सड़क हादसे में लगभग 50 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 60 प्रतिशत से हादसे तेज रफ्तार की वजह हुए हैं। जिले के शिक्षण संस्थानों के बाहर स्पीड लिमिट के बोर्ड या स्पीड ब्रेकर भी 40-50 प्रतिशत ही हैं। ऐसा लगता है जैसे सिस्टम की ब्रेक फेल हो चुकी है और सड़कों पर वाहन बेलगाम हो गए हैं। आलम यह है कि पुलिस ने पिछले एक साल में तेज गति से चलने वाले वाहनों का एक भी चालान नहीं किया है।
यहां स्पीड लिमिट तय लेकिन पालन नहीं हो रहा
नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे कहीं पर स्पीड लिमिट का पालन नहीं हो रहा है। गढ़शंकर से लेकर मुकेरियां हरसेमानसर, गढ़शंकर से लेकर टांडा तक टोल रोड है। इस रोड पर स्पीड लिमिट निश्चित की गई है पर पालन नहीं होता है। चूंकि पुलिस के पास स्पीड इंटरसेप्टर नहीं है तो तेज रफ्तार में सड़कों पर हादसों को निमंत्रित करते वाहनों पर लगाम लगाना मुश्किल हो गया है।
कठार से मंगोवाल तक स्पीड लिमिट ही तय नहीं
नेशनल हाईवे कठार से लेकर मंगोवाल तक 35 किलोमीटर का सफर है। इस नेशनल हाइवे पर स्पीड लिमिट तय होना जरूरी है। बावजूद इसके रोड पर कहीं पर स्पीड लिमिट तय नहीं की गई है। जबकि नसराला पुल, लाजवंती पुल, बंजरबाग चौक कोहनी मोड़ पर है। इसके अलावा यह रोड नसराला, प्रभात चौक और नलोइयां चौक से आगे सी के आकार में घूमती है। फिर भी वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं। यही हादसे का कारण बनते हैं।
घनी आबादी से पहले नहीं लगे हैं संकेतक बोर्ड
जालंधर-होशियारपुर मार्ग तो कहने को नेशनल हाईवे है। मंडियाला से लेकर मंगूवाल तक पंजाब को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाले इस नेशनल हाईवे पर मंडियाला, नसराला, सिंगड़ीवाला, पिपलांवाला, आदमपुर, चौहाल इत्यादि आधा दर्जन आबादी वाले इलाके पड़ते हैं, मगर कहीं पर आगे आबादी है धीमी गति से चलें इत्यादि संकेतक बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। मनमाने ढंग से वाहन चलते हैं। सो, स्पीड पर ब्रेक नहीं लगती है। जबकि नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे, शहरी इलाके में विभिन्न कैटेगिरी के वाहनों की स्पीड लिमिट तय की गई है।
क्या कहते हैं ट्रैफिक नियम
विभिन्न श्रेणी के वाहनों के लिए नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और शहरी इलाकों में चलने के लिए गति निर्धारित की गई है जो इस प्रकार हैं
लाइट मोटर व्हीकल की स्पीड
नेशनल हाइवे:- 80 किमी. प्रति घंटा।
स्टेट हाइवे:- 70 किमी. प्रति घंटा।
शहरी इलाका:-50 किमी. प्रति घंटा।
लाइट मोटर व्हीकल ट्रांसपोर्ट की स्पीड
नेशनल हाइवे:- 65 किमी. प्रति घंटा।
स्टेट हाइवे:- 50 किमी. प्रति घंटा।
शहरी इलाका:-45 किमी. प्रति घंटा।
टू-व्हीलर की स्पीड
नेशनल हाइवे:- 60 किमी. प्रति घंटा।
स्टेट हाइवे:-50 किमी. प्रति घंटा।
शहरी इलाका:-35 किमी. प्रति घंटा।
मीडियम व हैवी पैंसेजर व्हीकल की स्पीड
नेशनल हाइवे:- 65 किमी. प्रति घंटा।
स्टेट हाइवे:-55 किमी. प्रति घंटा।
शहरी इलाका:-40 किमी. प्रति घंटा।
हैवी गुड्स व पैंसेंजर व्हीकल की स्पीड
नेशनल हाइवे:- 50 किमी. प्रति घंटा।
स्टेट हाइवे:-40 किमी. प्रति घंटा।
शहरी इलाका:-30 किमी. प्रति घंटा।
एक स्पीडोमीटर है, उसमें कुछ खराबी है। ठीक करवाया जा रहा है। इसलिए कुछ समय से ओवर स्पीड वाहनों के चालान नहीं हो पाए हैं। यह भी देखा जा रहा है कि किन-किन रोड पर स्पीड इंटरसेप्टर की जरूरत है। अधिकारियों के ध्यान में लाकर जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी।
- सुरिंदर कुमार, सब-इंस्पेक्टर, जिला ट्रैफिक इंचार्ज।