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ब्रह्मज्ञान से ही मिल सकती है मुक्ति : स्वरूप सिंह

शनिवार को संत निरंकारी सत्संग भवन ठाकुरद्वारा में 14 वां वार्षिक सन्त समागम कराया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:12 AM (IST)
ब्रह्मज्ञान से ही मिल सकती है मुक्ति : स्वरूप सिंह
ब्रह्मज्ञान से ही मिल सकती है मुक्ति : स्वरूप सिंह

संवाद सहयोगी, दातारपुर : शनिवार को संत निरंकारी सत्संग भवन ठाकुरद्वारा में 14 वां वार्षिक सन्त समागम कराया गया। इस समागम में लगभग 900 महापुरुषों ने भाग लिया। जिसमें स्वरूप सिंह निरंकारी ने अपने प्रवचनों से संगत को निहाल किया। उन्होंने कहा कि सतगुरु सारे ही संसार के लिए आता है। सतगुरु अपनी आवाज को जन-जन तक पहुंचाता है। मनुष्य का भी यह कर्तव्य बनता है कि सतगुरु की आवाज को सुनकर सतगुरु की शरण में जाए और ब्रह्मज्ञान की दात प्राप्त कर जीवन को सुंदर बना ले। मनुष्य का जन्म ही इसलिए हुआ है कि सतगुरु के चरणों में जाकर परमात्मा की अनुभूति प्राप्त करे और चौरासी लाख योनियों में जाने से बच जाए। आज निरंकारी मिशन समाज को कई कुरीतियों से दूर कर रहा है। मनुष्य को 84 लाख योनियों के बाद यह जन्म मिला है। यह जीवन परमात्मा से मिलने के लिए ही होता है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज शहर-शहर, गांव-गांव जाकर मानवता का संदेश दे रहे हैं। प्यार, नम्रता और सहनशीलता से अपने गुरसिखों को रहना सिखा रहे हैं।

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