पूजा से शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं महादेव
दातारपुर भगवान शिव भोले सूर्य के समान दीप्तिमान हैं जिनके ललाट पर चंद्रमा शोभायमान है। तीन नेत्रों वाले यह शिव काल के भी काल महाकाल हैं।
संवाद सहयोगी , दातारपुर: भगवान शिव भोले सूर्य के समान दीप्तिमान हैं, जिनके ललाट पर चंद्रमा शोभायमान है। तीन नेत्रों वाले यह शिव, काल के भी काल महाकाल हैं। दुर्गा माता मंदिर बड़ी दलवाली में अध्यात्मिक विभूति राजिदर सिंह जिंदा बाबा ने सावन माह की महिमा बताते हुए कहा भोले नाथ बहुत ही सरल स्वभाव, सर्वव्यापी और भक्तों से शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देव हैं। उनके सामने मानव क्या, दानव भी वरदान मांगने आएं, जो उसे भी मुंह मांगा वरदान देने में पीछे नही हटते हैं। उन्होंने कहा कि श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार को श्रावण सोमवार कहा जाता है। श्रद्धालु पवित्र जल से शिवलिग को स्नान कराते हैं। फूल, मालाओं से मूर्ति या शिवलिग को पूजते हैं। मंदिर में 24 घंटे दीप जलते रहते हैं। शिव सभी के लिए वरदाता हैं। जो जैसा मांगे, उसे वैसी ही संपदा दे देते हैं। उन्होंने बताया श्रावण माह में आशुतोष भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है। जो प्रतिदिन पूजन न कर सकें , उन्हें सोमवार को शिव पूजा अवश्य करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। सोमवार भगवान शंकर का प्रिय दिन है। अत: सोमवार को शिव अराधना करनी चाहिए। इस माह में लघुरुद्र, महारुद्र अथवा अतिरुद्र पाठ कराने का भी विधान है। श्रावण माह में जितने भी सोमवार पड़ते हैं, उन सब में शिवजी का व्रत किया जाता है। भगवान शिव का यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है।