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सीता हरण का मंचन देखकर भावुक हुए दर्शक

श्रीराम लीला कमेटी होशियारपुर की तरफ से महंत रमिदर की अगुआई में दशहरा का कार्यक्रम करवाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 09:38 PM (IST)
सीता हरण का मंचन देखकर भावुक हुए दर्शक
सीता हरण का मंचन देखकर भावुक हुए दर्शक

जागरण टीम, होशियारपुर :

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श्रीराम लीला कमेटी होशियारपुर की तरफ से महंत रमिदर दास जी के आशीर्वाद एवं प्रधान शिव सूद की अगुआई में करवाए जा रहे दशहरा महोत्सव के दौरान श्रीराम लीला के मंचन में सीता हरण तक का मंचन किया गया। जब भरत को अपनी माता कैकेयी द्वारा श्रीराम को वनवास देने का पता चला तो वे आगबबूला हो गए। तब श्रीराम को मनाने चित्रकूट को निकल पड़े। रास्ते में जब निषाद को पता चला कि भरत सेना सहित चित्रकूट की तरफ जा रहे हैं तो निषाद राज ने भरत को रोका। जब निषाद को पता चला कि भरत भी प्रभु श्रीराम के भक्त हैं तो उन्होंने भरत से माफी मांगी। जब भरत श्रीराम के पास पहुंचे तो श्रीराम ने भरत को अपनी चरण पादुका देकर वापिस अयोध्या भेज दिया। इधर वन में एक दिन सीता राम तथा लक्ष्मण भ्रमण कर रहे थे तो रावण की बहन सूर्पनखा उन्हें देखकर उन्हें हानि पहुंचानी चाहिए। जब लक्ष्मण ने उसके नाक-कान काट दिए। इसके बाद नकटी सूर्पनखा खर-दूषण के पास गई। खर-दूषण ने अपनी सेना सहित श्रीराम जी पर आक्रमण कर दिया। श्रीराम लक्ष्मण ने खरदूषण को मार गिराया। इसके बाद शुर्पनखा रावण के पास गई। रावण को जब खर दूषण की मौत का समाचार मिला तो वह चितित हुए। उसने मारीच नामक मायावी राक्षस को बुलावा भेजा। उन्होंने सीता हरण की योजना बनाई। मारीच ने सोचा कि रावण के हाथों मारा जाऊंगा तो नरक में जाऊंगा। मारीच स्वर्णमय हिरन का रूप धारण कर सीता जी के आगे घूमने लगा। सीता जी ने श्रीराम को स्वर्णमय हिरन लाने को कहा। श्रीराम जी ने जब स्वर्णमय मृग को मारा तो उसमें जोर से हे लक्ष्मण कहा। जब सीता ने सुना तो सोचा कि प्रभु श्री राम संकट में है। सीता ने लक्ष्मण को आदेश दिया कि वह वन जाकर सहायता करें। लक्ष्मण ने जाते समय सीता माता जी सुरक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा खींची तथा कहा कि हे माते इस रेखा को भूलकर भी पार मत करना। लक्ष्मण के जाते ही रावण साधू वेश में आया तथा भीक्षा मांगने के बहाने माता सीता को रेखा के बाहर बुलाया जैसे ही सीता ने रेखा पार की साधु वेशधारी रावण अपने विमान में जबरन बिठाकर हरण कर आकाश मार्ग से लंकापुरी ले गया।

इस अवसर पर प्रधान शिव सूद, चेयरमैन गोपी चंद कपूर, संरक्षक आरपी धीर, महासचिव प्रदीप हांडा, डा. बिदुसार शुक्ला, कैशियर संजीव ऐरी, राकेश सूरी, मीडिया प्रभारी कमल वर्मा, सहमीडिया प्रभारी राजिदर मोदगिल, तरसेम मोदगिल, अश्विनी गैंद, शम्मी वालिया, शिव जैन, हरीश आनंद, सुभाष गुप्ता, मनोहर लाल जैरथ, अरुण गुप्ता, विपन वालिया, पवन शर्मा, अजय जैन, नरोत्तम शर्मा, अशोक सोढी, कुनाल चथरथ, शुभाकर भारद्वाज, सुनील पडियाल, मनि गोगिया, राकेश डोगरा, दविदर नाथ बिदा, वरुण कैंथ, दीपक शारदा, नंबरदार रघुवीर बंटी, कपिल हांडा, विनोद कपूर, मास्टर मनोज दत्ता, कृष्ण गोपाल मोदगिल, रमन डोगरा, अश्विनी शर्मा आदि मौजूद थे।


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