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'सेवा, सिमरन व सत्संग गुरसिख के जीवन का अंग'

जेएनएन, होशियारपुर सतगुरु माता स¨वदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 05:58 PM (IST)
'सेवा, सिमरन व सत्संग गुरसिख के जीवन का अंग'
'सेवा, सिमरन व सत्संग गुरसिख के जीवन का अंग'

जेएनएन, होशियारपुर

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सतगुरु माता स¨वदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन इस्लामाबाद होशियारपुर में विशेष संत समागम का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्रीय प्रचारक बहन गुरबचन कौर जी चंडीगढ़ वालों ने सतगुरु माता स¨वदर हरदेव जी महाराज की शिक्षाओं को दोहराते हुए प्रवचन किए।

उन्होंने कहा कि इस संसार में परमात्मा ने इंसान को प्रभु परमात्मा की जानकारी के लिए भेजा है, जो सिर्फ पूर्ण सतगुरु की शरण में जाकर ही हो सकती है। जब इंसान पूर्ण सतगुरु की शरण में जाकर प्रभु परमात्मा की जानकारी कर लेता है, तो उसे सारा संसार अपना लगता है। इंसान के मन में प्यार, विनम्रता वाली भावना अपने आप ही प्रकट हो जाती है। इंसान जितनी मर्जी उपलब्धियां हासिल कर ले, जितनी मर्जी माया एकत्रित कर ले, जितना समय उसके मन में प्यार नहीं तो वह जीवन में शांति व आनंद प्राप्त नहीं कर सकता। सतगुरु माता स¨वदर हरदेव जी महाराज यहीं संदेश दे रही हैं कि एक दूसरे से प्यार, विनम्रता के साथ जीवन जीना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सेवा, सिमरन व सत्संग गुरसिख के जीवन का अंग होता है। जिस तरह इंसान का एक भी अंग सही तरह से काम न करे तो इंसान सुखी नहीं होता, इसी तरह गुरसिख के जीवन में सेवा, सिमरन व सत्संग में से एक भी चीज कम हो जाए या न मिले तो गुरसिख अपने आप को अधूरा महसूस करता है।

अंत में मुखी माता सुभद्रा देवी ने बहन गुरवचन कौर व संगत का धन्यवाद किया। मंच संचालन की भूमिका अमृत ने अदा की। इस मौके पर संचालक बाल किशन, शिक्षक दे¨वदर बोहरा, निर्मल दास, सुखदेव, कैप्टन हरी राम आदि उपस्थित थे।


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