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धान की पराली की संभाल कर रहे गांव पंजौड़ा के किसान

जेएनएन होशियारपुर जिला प्रशासन की ओर से धान की पराली के सुचारू प्रबंधन के लिए चलाए गए अभियान में कुछ गांवों के किसानों ने मिसाल कायम की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 04:37 PM (IST)
धान की पराली की संभाल कर रहे गांव पंजौड़ा के किसान
धान की पराली की संभाल कर रहे गांव पंजौड़ा के किसान

जेएनएन, होशियारपुर

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जिला प्रशासन की ओर से धान की पराली के सुचारू प्रबंधन के लिए चलाए गए अभियान में कुछ गांवों के किसानों ने मिसाल कायम की है। इन्हीं गांवों में ब्लाक माहिलपुर का गांव पंजौड़ा भी शामिल है। गांव के किसान बेलर का प्रयोग कर धान की पराली का योग्य प्रबंधन कर रहे हैं।

गांव के किसान हरजीत सिंह 21 एकड़ पर धान व गेहूं की खेती करते हैं। रबी 2018 से ही सुपर एसएमएस कंबाइन से धान की कटाई करने के बाद हैप्पी सीडर तकनीक से गेहूं की सफल बिजाई 20 एकड़ रकबे में करते आ रहे हैं। उन्होंने हैप्पी सीडर तकनीक से गेहूं की सफल काश्त कर दूसरे किसानों की मदद से कृषि विभाग के सहयोग से फार्म मशीनरी बैंक भी बनाया है। वे हैप्पी सीडर विधि से संतुष्ट हैं क्योंकि इस विधि से धान की पराली को बिना आग लगाए गेहूं की सीधी बिजाई संभव है।

किसान हरजीत सिंह ने जहां वर्ष 2019-20 में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा उपलब्ध करवाए उलटावे हल व मल्चर की मदद से धान के बाद आलू की भी सफल काश्त की है वहीं वह खेत को समतल करने के लिए कंप्यूटर कराहे का भी प्रयोग कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वह नवीनतम खेती तकनीकों की जानकारी के लिए जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय किसानों मेलों में शिरकत करते हैं। वह कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर के किसान क्लब का सदस्य है व कृषि संबंधी तकनीकें अन्य किसानों से सांझी करता है।

गांव पंजौड़ा के ही अन्य किसान सतनाम सिंह ने कृषि व किसान भलाई विभाग होशियारपुर द्वारा उपलब्ध सब्सिडी पर रेक व बेलर खरीदा है, जिससे पराली की लाइनें बन जाती हैं। इन लाइनों पर बेलर के माध्यम से वह पराली की गाठें बनाता है। यह किसान पराली की गांठों को गांव बिजों में लगे बायोमास प्लांट में बेचता है। इसके पास इस समय दो बेलर है व पंजौड़ा व नजदीकी गांवों में भी बेलर के माध्यम से पराली की यह संभाल कर रहा है।

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गांव पंजौड़ा को केंद्रीय प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपनाया गया : मनविंदर कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल के डिप्टी डायरेक्टर मनविदर सिंह बौंस ने बताया कि गांव पंजौड़ा को धान की पराली प्रबंधन के कार्य के लिए वर्ष 2018-19 में केंद्रीय प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपनाया गया था। इस बाबत प्रशिक्षण कोर्स, जागरूकता अभियान व प्रदर्शनियों के माध्यम से अलग-अलग गतिविधियां चलाई गई थी। -------------- यह किसान कर रहे पराली की संभाल गांव के प्रगतिशील किसान हरजीत सिंह, हरजिदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, कमलजीत सिंह, गुरदेव सिंह, जसकरन सिंह, सुरिदर सिंह, गगनदीप सिंह, परमिदर सिंह आदि धान की पराली को खेत में ही संभाल कर गेहूं की सफलतापूर्वक सीधी बिजाई कर रहे हैं।


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