किसान विरोधी बिल से केंद्र का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब: परमार
जेएनएन होशियारपुर संसद के मौजूदा मानसून सत्र में तीन अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पास क
जेएनएन, होशियारपुर
संसद के मौजूदा मानसून सत्र में तीन अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पास कराना किसानों की बर्बादी की तरफ धकेलने जैसा है। पंजाब, हरियाणा के अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी किसानों में इस बिल के प्रति रोष पाया जा रहा। इस किसान विरोधी बिल से केंद्र की मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है।
उक्त बातें कांग्रेस नेता गुलशन राय अरोड़ा, पूर्व पार्षद सुरेश कुमार व बलविदर बिदी व राजिदर सिंह परमार ने संयुक्त बयान में कहीं।
उन्होंने कहा कि चाहे हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है लेकिन पंजाब में अकाली दल ने भाजपा से समर्थन वापसी पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया। इससे अकालियों का दोमुंहा रूप सामने आ गया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर मंडियां खत्म हो गईं, तो किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। केंद्र के पास बिलों से किसानों का डर जायज है, कि इससे निजी कंपनियों को किसानों के शोषण का जरिया मिल जाएगा तथा किसान मजदूर बनकर रह जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने किसान विरोधी कानून वापस लेने की मांग की है। उनके साथ अरविद कुमार व कुलदीप ठाकुर आदि मौजूद थे।