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मंदिर की गद्दी को लेकर बाबा की शिष्या और गुरु भाई में तकरार

प्राचीन शिव मंदिर गांव कोलियां की गद्दी को लेकर गद्दीनशीन स्व. बाबा की शिष्या व गांव निवासियों में आपसी तकरार हो गई। गांव कोलियां में प्राचीन शिव मंदिर में काफी समय से महंत प्रगट पुरी सेवा निभा रहे थे जोकि गत दिनों पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके शरीर छोड़ने के उपरांत मंगलवार को स्व. महंत प्रगट पुरी जी के 16वें पर उनकी शिष्या ज्योति पुरी व उनके गुरु भाई कैलाश पुरी में किसी एक को साधू समाज व गांव निवासियों की रजामंदी से गद्दी पर बैठाना था ताकि वह मंदिर की सेवा कर सकें। मगर गांव निवासियों ने स्व. बाबा के गुरु भाई कैलाश पुरी जोकि लंबे समय से यहां से चले गए थे को वापस लेकर उन्हें गद्दी पर बैठाना चाहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:23 AM (IST)
मंदिर की गद्दी को लेकर बाबा की शिष्या और गुरु भाई में तकरार
मंदिर की गद्दी को लेकर बाबा की शिष्या और गुरु भाई में तकरार

संवाद सहयोगी, मुकेरियां : प्राचीन शिव मंदिर गांव कोलियां की गद्दी को लेकर गद्दीनशीन स्व. बाबा की शिष्या व गांव निवासियों में आपसी तकरार हो गई। गांव कोलियां में प्राचीन शिव मंदिर में काफी समय से महंत प्रगट पुरी सेवा निभा रहे थे, जोकि गत दिनों पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके शरीर छोड़ने के उपरांत मंगलवार को स्व. महंत प्रगट पुरी जी के 16वें पर उनकी शिष्या ज्योति पुरी व उनके गुरु भाई कैलाश पुरी में किसी एक को साधू समाज व गांव निवासियों की रजामंदी से गद्दी पर बैठाना था, ताकि वह मंदिर की सेवा कर सकें। मगर गांव निवासियों ने स्व. बाबा के गुरु भाई कैलाश पुरी जोकि लंबे समय से यहां से चले गए थे, को वापस लेकर उन्हें गद्दी पर बैठाना चाहा। इसी बात को लेकर गांव निवासियों व बाबा की शिष्या में आपसी तनाव हो गया। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस को मौके पर आकर दखल देना पड़ा। क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने-अपने प्रतिनिधियों को गद्दी पर बैठाना चाह रहे थे। स्व. बाबा की शिष्या ज्योति पुरी का कहना है कि उनके गुरु ने उनके नाम पर लगभग 17 साल पहले ही वसीयत कर दी थी कि उनकी मृत्यु के उपरान्त ज्योति पुरी ही गद्दी की वारिस होंगी। लेकिन गांव निवासियों का कहना है कि वह लोग ज्योति पुरी को नहीं, बल्कि बाबा के गुरु भाई कैलाश पुरी को गद्दी पर बैठाना चाहते हैं।

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गौर हो कि कुछ समय पहले ही ज्योति पुरी ने गांव के सरपंच व अन्यों के खिलाफ एक शिकायत की थी कि वह लोग उन्हें परेशान करते हैं। इसी बात से खफा हो गांव निवासी आपस में इकट्ठे हो गए व तर्क देने लगे कि शिव मंदिर में एक महिला कैसे गद्दीनशीन हो सकती हैं। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहा-सुनी होने लगी। बात इतनी बड़ गई लोगों ने हंगामा मचा दिया। इस दौरान डीएसपी रविदर सिंह पुलिस फोर्स को साथ लेकर पहुंचे। उन्होंने व कुछ गणमान्य व्यक्तियों ने समझौता करवाया। जिसमें दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए कि एक साल तक ज्योति पुरी व बाबा के गुरु भाई कैलाश पुरी मंदिर में सेवा निभाएंगे तथा उसके उपरांत गांव निवासी ही निर्णय लेंगे की दोनों में से किसकों गद्दी पर बैठाना है।


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