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चार दशक बाद भी तलवाड़ा-नंगल रेलवे लाइन को नहीं मिली मंजिल

वर्षो से निर्माणाधीन नंगल-तलवाड़ा रेलवे लाइन को आज तक अपनी मंजिल नहीं मिल सकी है। इस लाइन का दौलतपुर हिमाचल से तलवाड़ा सेक्शन जो कुल 16 किमी लंबा है अभी भी शुरू होने के इंतजार में है। वहीं हिमाचल के अंब-इंदौरा स्टेशन से पंजाब की दहलीज दौलतपुर जो पंजाब सीमा से मात्र तीन किमी दूर है में आज केंद्रीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन करेंगे। जिससे पंजाब के रामगढ़, अमरोह, भवनौर, सधानी आदि दर्जनों गांवों के लोगों को आज से लाभ मिलेगा और उन्हें मुकेरियां 40 किमी दूर ट्रेन लेने नहीं जाना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 12:55 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:55 AM (IST)
चार दशक बाद भी तलवाड़ा-नंगल रेलवे लाइन को नहीं मिली मंजिल
चार दशक बाद भी तलवाड़ा-नंगल रेलवे लाइन को नहीं मिली मंजिल

सरोज बाला, दातारपुर

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वर्षो से निर्माणाधीन नंगल-तलवाड़ा रेलवे लाइन को आज तक अपनी मंजिल नहीं मिल सकी है। इस लाइन का दौलतपुर हिमाचल से तलवाड़ा सेक्शन जो कुल 16 किमी लंबा है अभी भी शुरू होने के इंतजार में है। वहीं हिमाचल के अंब-इंदौरा स्टेशन से पंजाब की दहलीज दौलतपुर जो पंजाब सीमा से मात्र तीन किमी दूर है में आज केंद्रीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन करेंगे। जिससे पंजाब के रामगढ़, अमरोह, भवनौर, सधानी आदि दर्जनों गांवों के लोगों को आज से लाभ मिलेगा और उन्हें मुकेरियां 40 किमी दूर ट्रेन लेने नहीं जाना पड़ेगा।

दौलतपुर से मुकेरियां वाया तलवाड़ा लाइन की बात करें तो पहले इस लाइन पर कुल 30 मीटर चौड़ी लाइन के लिए जमीन अधिगृहीत की जा रही थी। जो अब घटाकर मात्र 8 मीटर कर दी गई है। इस ट्रैक पर अभी मात्र दो ही ट्रेनें चलती हैं। एक अंब-अंबाला और दूसरी दैनिक हिमाचल एक्सप्रेस जो दिल्ली तक वाया ऊना जाती है। 2016 के बजट में कुल 100 करोड़ रुपये ही इस लाइन के लिए आबंटित किए गए थे जो कि अपर्याप्त था। क्योंकि इसमें से ज्यादातर राशि तो जमीन अधिग्रहण करने में, स्टेशन निर्माण आदि में ही खर्च हो गई और अब निर्माण लागत को घटाने के लिए रेलवे ने इसकी चौड़ाई ही 30 मीटर से घटाकर मात्र 8 मीटर कर दी है। यह सारा इलाका ही शिवालिक पर्वतमाला में है। वहीं प्रस्तावित करटोली स्टेशन जो कि पंजाब क्षेत्र में है के संबंध में पूर्व सरपंच संजीव कुमार ने बताया के राजनीतिक दबाव में उसका भी साइज छोटा कर दिया गया है। मूलत: उसे हिमाचल के कुनेरन में शिफ्ट कर दिया गया है।

सुशील ¨पकी, कंवर रत्न चंद, कैप्टन र¨वदर शर्मा, चरनजीत ¨सह, सतपाल शास्त्री, दीपक राणा, अनिल विशिष्ट, गुरमीत ¨सह ने केंद्रीय रेल मंत्री से अनुरोध किया है कि इस लाइन के लिए ज्यादा राशि आबंटित की जाए, ताकि यह ट्रैक शीघ्र ही बने और क्षेत्र का भी समुचित विकास हो।

2018 का बजट पेश करने रेल बजट पेश के बाद पहली बार रेल मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों के लिए प्रस्तावित किए गए। फंड की फेहरिस्त जारी की है। इस कड़ी में सांसद व प्रदेश सरकार की लॉ¨बग के बावजूद इस लाइन के बुनियादी सुविधाओं के लिए कोई बड़ी राहत रेल मंत्रालय नहीं दे सका है। रेल मंत्रालय के मुताबिक हिमाचल को अंब-इंदौरा-तलवाड़ा रेललाइन के लिए 34.21 करोड़ की राशि मंजूर की गई थी। चालीस किलोमीटर की इस रेललाइन के लिए ज्यादा बजट की दरकार थी। मगर रेलवे ने इसे 34.21 करोड़ में ही सिमटा दिया था। 1974 में रखा था नींव पत्थर

गौरतलब है कि नंगल तलवाड़ा रेलवे लाइन को जालंधर पठानकोट रेलवे लाइन से जोड़ने के काम का नींव पत्थर तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा ने सन 1974 में रखा था। परंतु चार दशकों बाद भी यह काम अभी अधूरा ही है और यहां के बा¨शदों के लिए मृग मरीचिका ही बना हुआ है।


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