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शरारती तत्वों ने काटी नंद गोपाल गोशाला में खूंटे से बंधी गाय की रस्सियां

बुधवार देर रात कुछ शरारती तत्वों द्वारा नंद गोपाल गउशाला में खूंटों से बंधी सभी गाय की रस्सीयां काट कर उन्हें गऊशाला से बाहर निकालने की कोशिश की गई। जानकारी देते हुए संचालक कर्मवीर बाली ने बताया कि गऊशाला में सौ के करीब पशुधन रखा गया है। जिनमें सांड़ व गाय है। सभी गाय को गऊशाला में बनी शैड के अंदर बनी खुरलियों में लगे खूंटों से बांधा गया है। जहां पर उन्हें चारा डाला जाता है। गऊशाला की देखरेख व साफ सफाई के लिए में संचालक द्वारा चार कर्मचारियों को

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 05:57 PM (IST)
शरारती तत्वों ने काटी नंद गोपाल गोशाला में खूंटे से बंधी गाय की रस्सियां
शरारती तत्वों ने काटी नंद गोपाल गोशाला में खूंटे से बंधी गाय की रस्सियां

संवाद सहयोगी, होशियारपुर

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कुछ शरारती तत्वों ने बुधवार देर रात नंद गोपाल गोशाला में खूंटों से बंधी सभी गाय की रस्सियां काट दीं और उन्हें गऊशाला से बाहर निकालने की कोशिश की। संचालक कर्मवीर बाली ने बताया कि गोशाला में सौ के करीब पशुधन रखा गया है। सभी गाय को गोशाला में बनी शैड के अंदर बनी खुरलियों में लगे खूंटों से बांधा गया है। उनकी देखरेख व साफ सफाई के लिए चार कर्मचारियों को रखा गया है। कर्मचारी रामजी रात के समय देखरेख के लिए गोशाला की दीवार के पीछे बने कमरे में ही रहता है। रोजाना की तरह रात साढ़े नौ बजे के बाद रामजी दोनों तरफ लगे गेटों को ताला लगाकर कमरे में चला गया। सुबह उठकर देखा तो सभी गाय गोशाला परिसर में खुली घूम रही थी। गेट का ताला खोल कर अंदर जाने पर देखा कि सभी गाय के गले में बंधी रस्सियां कटी हुई थी। खूटों के पास जाकर देखा तो सभी कटी रस्सियां खूंटों से बंधी थी। उसने संचालक कर्मवीर बाली को सूचित किया। उन्होंने इसके बारे में कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को भी बताया व थाना मॉडल टाउन पुलिस को भी सूचित किया। एएसआइ नानक ¨सह ने स्थिति का जायजा लिया।

बाक्स

पहले कोई तैयार नहीं था, अब डाली जा रही बाधा : बाली

थाना माडल टाउन पुलिस को लिखाई शिकायत में कर्मवीर बाली ने कहा कि अभी तो शरारती तत्वों द्वारा रस्सियां ही काटी गई हैं। भविष्य में पशुधन को जहरीली वस्तु देकर मारा जा सकता है व धर्म की आढ़ में नंदगोपाल गोशाला को बदनाम किया जा सकता है। पहले गोशाला का संचालन करने के लिए कोई तैयार नहीं था। जब निगम द्वारा इसका संचालन उन्हें सौंपा गया व अब काम सुचारु रुप से चलने लगा तो उसमें बाधा डालने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।


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