बप्पा के हर अंग में समृद्धि और ज्ञान का देता है संदेश
लंबोदर, पीताम्बर, विघ्नहर्ता श्री गणेश का आगमन आजकल दातारपुर में हो चुका है। देवों में सबसे प्रथम देव, गणपति का स्वरुप मनोहर एवं मंगलदायक है। वे अपने भक्?तों पर जल्दी ही प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गजानन की पूजा अर्चना के साथ हमें उनसे काफी कुछ सीखने को भी मिलता है। गजानन चौक दातारपुर में बौबी कौशल की प्रधानगी एवं महामंडलेश्वर महंत रमेश दास जी की अध्यक्षता में हो रहे गणेशोत्सव में आज महंत रमेश दास जी ने विशाल उपस्थिति को संबोधित करते हुए उक्त शब्द कहे। उन्होंने कहा बुद्धि के देवता महागणेश मंगलमूर्ति कहे जाते हैं, क्योंकि इनके सभी अंग जीवन को सही दिशा देने की सीख
संवाद सहयोगी, दातारपुर :
श्री गणेश जी देवों में सबसे प्रथम देव हैं। वह मनोहर व मंगलदायक हैं। अपने भक्तों पर जल्दी ही प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गजानन की पूजा अर्चना के साथ हमें उनसे काफी कुछ सीखने को भी मिलता है। गजानन चौक में बौबी कौशल की प्रधानगी व महामंडलेश्वर महंत रमेश दास की अध्यक्षता में हो रहे गणेशोत्सव में महंत रमेश दास जी ने संबोधित करते हुए उक्त शब्द कहे। उन्होंने कहा बुद्धि के देवता महागणेश मंगलमूर्ति कहे जाते हैं, क्योंकि इनके सभी अंग जीवन को सही दिशा देने की सीख देते है। महंत जी ने कहा कि गणेश जी समृद्धि के देवता विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते है। किसी भी शुभ काम की शुरूआत करने से पहले गणेश पूजा का रिवाज है। ठीक उसी तरह बप्पा के हर अंग में समृद्धि और ज्ञान का संदेश देता है।
बड़े सिर वाले व्यक्ति नेतृत्व करने में योग्य होते हैं। गणेश जी का बड़ा सिर यह भी ज्ञान देता है कि अपनी सोच को बड़ा बनाए रखना चाहिए। बड़ा माथा समय के सही इस्तेमाल का सूचक होता है। महंत जी ने कहा छोटी आंखों वाला व्यक्ति ¨चतनशील और गंभीर प्रकृति के होते हैं। गणेश जी की छोटी आंखें यह सीख देती हैं कि हर चीज को बारीकी से देख-परख कर ही निर्णय लें। ऐसा करने वाला व्यक्ति कभी धोखा नहीं खाता। उन्होंने बताया लंबे कान वाले व्यक्ति भाग्यशाली और दीर्घायु होते हैं। गणेश जी के लंबे कानों का एक रहस्य यह भी है कि वह सबकी सुनते हैं फिर अपनी बुद्धि और विवेक से निर्णय लेते हैं। महंत जी नें कहा मंगलमूर्ति की सूंड़ जीवन में सदैव सक्रिय रहने का संदेश देती है। जो व्यक्ति ऐसा करते है उन्हें कभी दुख: और गरीबी का सामना नहीं करना पड़ता है। बड़ा उदर और गणेश जी का पेट बहुत बड़ा है। बड़ा उदर खुशहाली का प्रतीक होता है। गणेश जी का बड़ा पेट हमें सीख देता है कि भोजन के साथ बातों को भी पचाना सीखें। महंत जी ने कहा गणेश जी अपने टूटे हुए दांत से यह सीख देते हैं कि चीजों का सदुपयोग किस प्रकार से किया जाना चाहिए। आज की सभा में विभिन्न गायक समूहों ने गणेश स्तुति एवं गणेश की महिमा का विस्तार से गुणगान कर संगत को झूमने पर विबश किया।
लंगर बांट की समाजसेवा
इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के लंगर भी लगाए गए थे। जहां श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर राजिन्द्र ¨सह जिंदा बाबा, देवा जी, ¨प्रसिपल सतपाल सेल, डॉ. सुदर्शन चौहान, डॉ. विजय कुमार, बृजमोहन पप्पू, विशाल शर्मा, दर्मेश ¨सह, अशोक कुमार, हेम राज शास्त्री, दीपक शास्त्री, कपिल डोगरा, सोहन लाल, डॉ. सुरिंदर, बिक्कू, तुषार, मानव, मनीष, कुलदीप, सोनी राजेश, ¨रकू, शादी लाल, राम स्वरुप, निशा रानी, संतोष कुमारी, प्रभा आदि उपस्थित थे।