पहले शिअद, फिर आप और अब कतना परिवार ने छोड़ा हाथ
शिरोमणि अकाली दल के बाद आम आदमी पार्टी। इसके बाद कतना परिवार ने आखिरकार नगर निगम चुनाव से पहले ही कांग्रेस का दामन भी छोड़ दिया है। इससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई।
हजारी लाल, होशियारपुर
शिरोमणि अकाली दल के बाद आम आदमी पार्टी। इसके बाद कतना परिवार ने आखिरकार नगर निगम चुनाव से पहले ही कांग्रेस का दामन भी छोड़ दिया है। इससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई। सर्दी में कतना परिवार का कांग्रेस को छोड़ना झटके जैसा है। क्योंकि, निगम चुनाव से पहले कांग्रेस की विकट गिरने से अंदरखाते भाजपा खुश है। कतना परिवार के इस फैसले पर कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि खरैती लाल कतना नगर निगम चुनाव में वार्ड दो से टिकट मांग रहे थे। यह पार्टी सिद्धांत के खिलाफ है। ऐसे में असमथर्ता जताने पर उन्होंने पार्टी से नाता तोड़ लिया। इसका बहुत दुख है। उधर, खरैती लाल कतना के बेटे बलविदर कतना ने कहा कि उन्होंने तो अभी टिकट अप्लाई भी नहीं की थी, लेकिन उनके वार्ड से मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने किसी और नेता का आवेदन करवा दिया। इससे आहत होकर कांग्रेस को छोड़ दिया।
ऐसे बढ़ती गई तीनों दलों से सियासी दूरियां
खरैती लाल कतना ने लंबे समय तक शिरोमणि अकाली दल बादल से जुड़े हुए थे। कुछ समय पहले अकाली दल के साथ खटास होने पर वह आजाद सक्रिय हो गए थे। पिछले नगर निगम चुनाव में खरैती लाल ने बहू मोनिका कतना को आजाद के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा था और जीत की बाजी भी मार गए थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। विधानसभा चुनाव में खरैती लाल कतना आम आदमी पार्टी से होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन टिकट की बाजी मारने में परमजीत सचदेवा कामयाब हो गए थे। इससे नाराज हुए कतना परिवार ने कांग्रेस उम्मीदवार सुंदर शाम अरोड़ा की मदद की थी। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा के साथ खरैती लाल कतना की नजदीकियां काफी बढ़ गई थीं। मगर, अब नगर निगम चुनाव की आहट के साथ ही मंत्री अरोड़ा और कतना में राजनीतिक दूरियां बढ़ गईं। दो टिकट देना पार्टी सिद्धांतों के खिलाफ : मंत्री अरोड़ा
कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि कतना परिवार वार्ड-31 और वार्ड-42 से दो टिकटें देने की मांग कर रहा था। इस पर उन्हें समझाया कि दो टिकटें देना पार्टी सिद्धांतों के खिलाफ है। दोनों वार्डों में से जिस वार्ड से चाहें, वह चुनाव लड़ सकते हैं। मगर, कतना परिवार दोनों ही वार्डों से चुनाव लड़ने पर अड़ा रहा। इस पर असमथर्ता जताने पर नाराजगी जताते हुए कतना परिवार ने कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया। मंत्री अरोड़ा ने कहा कि कतना परिवार के साथ उनके अच्छे संबंध हैं और रहेंगे भी, लेकिन पार्टी के सिद्धांतों के आगे वह विवश थे। इसलिए दो टिकट नहीं दे पाए। अभी तो टिकट के लिए आवेदन भी नहीं किया : कतना
खरैती लाल कतना के बेटे बलविदर कतना ने कहा कि उनकी पत्नी मोनिका कतना पार्षद रह चुकी हैैं। वार्ड 31 से उनके मुकाबले कोई उम्मीदवार नहीं था। मगर, कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने भाजपा सोच वाले एक नेता को अपने घर बुलाकर उनके वार्ड से आवेदन करवा दिया। इससे उनके मन को बहुत आघात लगा। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया। दो टिकटें मांगने का आरोप ठीक नहीं है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में सुंदर शाम अरोड़ा के लिए बहुत मेहनत की थी। टिकट काट कर उनका उसे मेहनताना दिया गया है। अब वह जनता के बीच जाएंगे। इसके बाद अगला फैसला लेंगे। फिलहाल, कतना ने अभी अपने राजनीतिक पत्ते नहीं खोले हैं।