कचरे के ढेर पर सिविल अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग बना मूक दर्शक
जागरण संवाददाता होशियारपुर कोरोना वायरस अपने चरम पर है लगातार पॉजिटिव केसों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
कोरोना वायरस अपने चरम पर है लगातार पॉजिटिव केसों का आंकड़ा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसके खिलाफ दिन रात डटा हुआ है लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोगों से बार बार अपने आस पास सफाई रखने की अपील की जा रही है पर लोगों को जागरूक करते हुए स्वास्थ्य अपने ही आंगन का हाल भूल गया। होशियारपुर का सिविल अस्पताल गंदगी से त्राहि त्राहि कर रहा है लेकिन उस तरह किसी का ध्यान नहीं है। हालांकि लोगों को नसीहत देने से पहले सिविल अस्पताल प्रशासन को अपने आंगन की तरफ ध्यान देना चाहिए था। यदि बात की जाए अस्पताल की तो अस्पताल के देखकर ऐसा लगाता है जैसे पूरा अस्पताल कचरे के ढेर हो। अस्पताल के परिसर में जगह जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। अस्पताल का शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहां पर हालात तस्लीबख्श हों। ऐसा नहीं कि अस्पताल प्रशासन के पास सफाई कर्मचारियों के अमले की कमी है परंतु यह कर्मचारी काम चलाऊ काम करते हुए अपनी ड्यूटी बजाकर निकल जाते हैं।
--------------- क्वार्टरों की एंट्री के बाहर लगा है कचरे का ढेर
यदि बात की जाए तो स्टॉफ के रहने के लिए बनाए गए क्वार्टरों के एंटरी प्वाइंट पर पक्के तौर पर कचरे का ढेर लगा हुआ है और उसे देख ऐसा लगता है जैसे वह सालों से इसी तरह पड़ा हुआ है। जो अस्पताल के कर्मचारियों के लिए इस महामारी के समय घातक साबित हो सकता है। इसके साथ साथ सिविल सर्जन दफ्तर के इर्द गिर्द कचरा बिखरा हुआ दिखाई देता है। क्वार्टरों की तरह से ही हर रोज सिविल सर्जन अपने दफ्तर को निकलते हैं पर उनका कभी इस तरह शायद ध्यान ही नहीं गया है।
----------------- अस्पताल बनी चुकी है लावारिस पशुओं की शरणस्थली यही नहीं इसके अवाला एक और सबसे बड़ी समस्या है अस्पताल मे लावारिस पशु। अस्पताल लावारिस पशुओं की शरणस्थली बन चुका है। अस्पताल में यह पशु लोगों के लिए खतरे से कम नहीं है जब कभी भी यह आपस में भिड़ते हैं तो हादसे का खतरा बना रहता है। चाहे जिला प्रशासन इन लावारिस पशुओं को पकड़ने के लिए मुहिम छेड़े हुए हैं परंतु इस तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं गया।
------------------ जल्द किया जाएगा समस्या का हल : सिविल सर्जन
इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ. जसवीर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस समस्या का प्रधमिका के आधार पर हल किया जा सके ताकि अस्पताल का परिसर स्वच्छ हो सके।