गुरुद्वारा टाहली साहिब में कीर्तन से किया निहाल
बंदी छोड़ दिवस मौके सिक्खों के छठे गुरु श्री गुरु हरगो¨बद साहिब की चरण छोह प्राप्त गुरुद्वारा टाहली साहिब मूनका में एक धार्मिक समागम बहुत ही श्रद्धापूर्वक करवाया गया। संत बाबा निहाल ¨सह जी हरिया वेलां वालों के दिशा-निर्देश अनुसार सेवादार भाई हरप्रीत ¨सह और बाबा कुलदीप ¨सह जी की देख-रेख में करवाए गए। इस धार्मिक समागम मौके संगतों की तरफ से रखवाए गए श्री अखंड पाठ जी के भोग उपरांत कीर्तन दरबार सजाया गया। जिसमें कीर्तनी जत्थे बाबा हरभजन ¨सह और अन्य ने गुरबाणी के मनोहर कीर्तन द्वारा संगतों को निहाल किया। इस मौके सैंकड़ों की तादाद में इलाके की संगतों ने अपनी हा•िारी लगवाई और पवित्तर सरोवर में इश्नान किया। इस मौके भाई हरप्रीत ¨सह जी ने संगतो को सम्बोधन करते हुए कहा कि बंदी छोड़ दिवस सिक्ख पंथ का वह दिहाड़ा हैं जो हमें सच की आवा•ा बनने और जुलम के सताए हुए लोगों के ह़क में आगे आने की
संवाद सहयोगी, टांडा उड़मुड़ : बंदी छोड़ दिवस मौके सिखों के छठे गुरु श्री गुरु हरगो¨बद साहिब की चरण छोह प्राप्त गुरुद्वारा टाहली साहिब मूनका में धार्मिक समागम करवाया गया। संत बाबा निहाल ¨सह जी हरिया वेलां वालों के दिशा-निर्देश अनुसार सेवादार भाई हरप्रीत ¨सह और बाबा कुलदीप ¨सह जी की देख-रेख में करवाए गए।
धार्मिक समागम में संगत की तरफ से रखवाए गए श्री अखंड पाठ जी के भोग उपरांत कीर्तन दरबार सजाया गया। इसमें कीर्तनी जत्थे बाबा हरभजन ¨सह और अन्य ने गुरबाणी के मनोहर कीर्तन द्वारा संगतों को निहाल किया। इस मौके सैंकड़ों की तादाद में इलाके की संगतों ने अपनी हा•िारी लगवाई और पवित्तर सरोवर में इश्नान किया। इस मौके भाई हरप्रीत ¨सह जी ने संगतों को सम्बोधन करते हुए कहा कि बंदी छोड़ दिवस सिख पंथ का वह दिहाड़ा हैं जो हमें सच की आवा•ा बनने और जुलम के सताए हुए लोगों के ह़क में आगे आने की प्रेरणा देता हैं। इस मौके इलाके की धार्मिक,सामाजिक और राजसी लोगों के इलावा भारी गिनती में शामिल हुए।