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डीसी ने दिया ग्रीन दीवाली मनाने का संदेश

डिप्टी कमिश्नर ईशा कालिया ने जिला निवासियों को प्रदूषण रहित ग्रीन दीवाली मनाने का संदेश देते कहा कि वातावरण को शुद्ध रखने के लिए सांझा प्रयास करने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 06:43 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 06:43 PM (IST)
डीसी ने दिया ग्रीन दीवाली मनाने का संदेश
डीसी ने दिया ग्रीन दीवाली मनाने का संदेश

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : डिप्टी कमिश्नर ईशा कालिया ने जिला निवासियों को प्रदूषण रहित ग्रीन दीवाली मनाने का संदेश देते कहा कि वातावरण को शुद्ध रखने के लिए सांझा प्रयास करने की जरूरत है। वह जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में सर्व शिक्षा अभियान के अधीन विशेष जरूरतों वाले विद्यार्थियों की तरफ से बनाए गए रंग-बिरंगे खूबसूरत दीयों, मोमबत्तियां और सामान के स्टॉल का जायजा ले रहे थे।

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डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि विशेष जरूरतों वाले बच्चों की तरफ से ग्रीन दीवाली के अंतर्गत बनाए गए दीये, मोमबत्तियां और सामान काफी आकर्षक है। उन्हें विद्यार्थियों साथ-साथ अध्यापकों को भी उत्साहित करते कहा कि यह नई पहल है। उन्हें विशेष जरूरतों वाले विद्यार्थियों की हौंसला अफजाई करते कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति और हौंसलो के साथ कोई भी मंजिल सर की जा सकती है। ईशा कालिया ने जिला निवासियों को दीवाली के त्योहार की शुभ कामनाएं देते कहा कि दीवाली वास्तव में रोशनियों का त्योहार है। उन्होंने कहा कि दीवाली की रात को पटाखे चलने कारण जहां बहुत सारा शोर प्रदूषण पैदा होता है, वहां आतिशबाजी के जहरीले धुएं के कारण हवा में सांस लेना कठिन हो जाता है। उन्होंने कहा कि शुद्ध वातावरण की वजह से ही धरती पर जीवन कायम है और हर मानव को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वातावरण को सा़फ रखने में अपना योगदान डालना चाहिए। उन्होंने बच्चों और नौजवानों से अपील की कि वह पटाखे चलाने की बजाय हरी दीवाली मनाने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि हरेक व्यक्ति को एक पौधा लगाकर उसकी संभाल करनी चाहिए, जिससे वातावरण की शुद्धता बरकरार रह सके। इस मौके अधिक सहायक कमिश्नर अमित सरीन, जिला स्पैशल एजुकेटर अंजू सैनी के अलावा अध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

पटाखों से पर्यावरण होता है दूषित

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पटाखों के धुएं और आवाज के साथ वातावरण प्रदूषित होता है और कई की मानवीय बीमारियों पैदा होती हैं। इसके अलावा पक्षियों और जानवरों के लिए भी यह बरताव बहुत खतरनाक साबित होता है। उन्होंने कहा कि वातावरण का संतुलन बरकरार रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाना भी समय की मुख्य जरूरत है।


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