एकजुट होकर करें पर्यावरण का संरक्षण
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शिक्षाविद महेश शर्मा ने सैंट मैरी स्कूल भटोली-दातारपुर में प्रबंधक अमित शर्मा की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी में चर्चा करते हुए कहा विकास के मार्ग पर इंसान जैसे-जैसे तरक्की कर रहा है।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शिक्षाविद महेश शर्मा ने सैंट मैरी स्कूल भटोली-दातारपुर में प्रबंधक अमित शर्मा की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी में चर्चा करते हुए कहा विकास के मार्ग पर इंसान जैसे-जैसे तरक्की कर रहा है। बुद्धिमत्ता की बहुत-सी बातों को पीछे छोड़ता गया। पर्यावरण को कैसे बचाया जाए, यह समस्या आज पूरे विश्व की ज्वलंत समस्या है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी का अस्तित्व बचाने के लिए जल-प्रदूषण को हर तरह से रोकना होगा। नहीं तो लोगों के सामने इसका परिणाम बड़ा घातक हो सकता है। पर्यावरण के लाभ और उसके महत्व को ध्यान में रखकर वनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
महेश शर्मा ने कहा यह वन हमारी राष्ट्रीय संपदा का मूल स्त्रोत है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था वनों से प्राप्त कच्चे माल पर निर्भर होती है। उनसे फल, फूल, पत्ते, इमारती लकड़ी, आयुर्वेदिक औषधियां, पशुओं के लिए चारा, भूमि के कटाव पर रोक, शुद्ध व ताजी हवा, प्राकृतिक सुंदरता, वर्षा में सहायक एवं अतिवृष्टि के कारण नदियों में आई भयानक बाढ़ वन क्षेत्रों से होकर गुजरती है। उनका तेज वेग कम हो जाता है। उन्होंने कहा वृक्षारोपण कार्यक्रम युद्धस्तर पर चलाना चाहिए। अमित शर्मा ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम एकजुट होकर पर्यावरण का संरक्षण करें। पर्यावरण की समृद्धि में पौधारोपण करना होगा। इसके लिए नागरिकों को आर्थिक व तकनीकी सहायता दी जानी चाहिए। अमित शर्मा के विचार में मानव जीवन प्रकृति पर आश्रित है। प्रकृति के साथ दुश्मन की तरह नहीं, वरन दोस्त की तरह काम करना शुरू करो और पर्यावरण फिर से मित्र की भांति काम करने लगेगा। हम दिनोंदिन पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति लापरवाह होते जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप भविष्य में घातक परिणाम हो सकते हैं। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होकर अगर ध्यान न दें तो जन-जीवन के लिए परिणाम घातक हो सकते हैं। इस अवसर पर बॉबी कौशल, बबीता उपस्थित थे।