कम बारिश के कारण वर्म कीट हो सकता है मक्की के लिए घातक
कंडी क्षेत्र के गैरसिंचित इलाके की मक्की मुख्य फसल है। शुरुआत में कमजोर मानसून के कारण फॉलआर्मी वर्म कीट ने मक्की की फसल पर हमला बोला है।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : कंडी क्षेत्र के गैरसिंचित इलाके की मक्की मुख्य फसल है। शुरुआत में कमजोर मानसून के कारण फॉलआर्मी वर्म कीट ने मक्की की फसल पर हमला बोला है। इसके वजह से दातारपुर, कमाही देवी, रामपुर, बडला, अमरोह, रामगढ़, चमूही में 25 से 30 फीसद फसल को कीट चट कर चुके हैं। किसानों में हड़कंप के बीच कृषि विभाग ने सचेत किया है। कृषि विभाग के उपनिदेशक मनिदर सिंह व डा. अजर कंवर ने कहा कि जून व जुलाई के मध्य तक कम बरसात होने से हानिकारक कीट ज्यादा एक्टिव हुए हैं। यह कीट तितली माथ के रूप में पौधों के निचले पत्तों पर अंडे देता है। इससे निकली सुंडियां पौधों को अपना खाना बनाती हैं। पत्तों को खाकर उनमें समांतर चलने वाले लंबे-लंबे छेद बनाती हैं और बाद में पूरा पत्ता खा जाती हैं। बता दें कि
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मनिदर सिंह व डा. अजर कंवर ने किसानों को मक्की के खेतों की लगातार निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने कहा, यदि कीट का हमला नजर आए तो फसल को बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें। किसान एममिक्टिन वेन्जोएट 5 एसजी (0.4 मिली प्रति लीटर पानी), फ्लूवेंडामाइड 480 एससी (0.4 मिली प्रति लीटर पानी), क्लोरेन्ट्रनिलीप्रोल 18.5 एससी (0.4 मिली प्रति लीटर पानी) या स्पाइनोसेड (0.3 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें। यह छिड़काव सुबह या शाम को ही करें और 15 दिन के अंतराल पर दोबारा ऐसा करें। उन्होंने कहा, यदि मानसून की तेज बारिश हुई तो इसका हमला अपने आप में नियंत्रण में आ जाएगा।