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क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में सभी डाक्टर्स ने की आवाज बुलंद, किया रोष प्रदर्शन

दसूहा नए क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में मंगलवार को जिले भर में निजी अस्पताल तथा लेबोरेटरियां बंद रहीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 10:53 PM (IST)
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में सभी डाक्टर्स ने की आवाज बुलंद, किया रोष प्रदर्शन
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में सभी डाक्टर्स ने की आवाज बुलंद, किया रोष प्रदर्शन

जागरण टीम, टांडा उड़मुड़, मुकेरियां, दसूहा : नए क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में मंगलवार को जिले भर में निजी अस्पताल तथा लेबोरेटरियां बंद रहीं। टांडा में एक्ट के विरोध में आइएमए तथा जय मिलाप एसोसिएशन पंजाब के साथ जुड़े लेबोरेटरी प्रबंधकों ने सरकारी अस्पताल टांडा चौंक में प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर एक्ट को वापस लेने की मांग की। इस दौरान टांडा इकाई के प्रधान डाक्टर डीएल बडवाल के नेतृत्व में सभी निजी अस्पताल इस एक्ट के विरोध में बंद रहे। एक्ट का विरोध कर डॉक्टर डीएल बडवाल, डॉ. एनडी पाठक, डॉ. लवप्रीत सिंह पाबला, डॉ. संतोख सिंह, डॉ राजन , डॉ. आरके गोयल, डॉ. अमित पाठक, रोहित, डॉ. दविदर, डॉ. नवजोत कौर व डॉ. मनमीत कौर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने ऐसे जन विरोधी एक्ट को लाकर उनके हितों से खिलवाड़ किया है। जय मिलाप एसोसिएशन पंजाब संस्था के टांडा ब्लाक प्रधान जतिदर सिंह ने कहा कि लेबोरटरी संचालकों पर एक्ट का बुरा प्रभाव पड़ेगा। इस बिल के साथ कई लैब चलाने वाले टेक्नीशियन बेरोजगार हो जाएंगे। इस दौरान डॉ. लवप्रीत सिंह, जतिदर सिंह, गुरमेल सिंह, परमजीत सिंह, सुखविदर सिंह, कमलदीप सिंह, गुरसिमरत सिंह, बलजीत सिंह, सुखविदर लाल, मनदीप सि , अशरफ, लवप्रीत सिंह, गुरमिदर सिंह व वरुण भोला भी मौजूद थे। उधर एक्ट के विरोध में मुकेरियां में भी सभी निजी अस्पताल तथा लेबोरेटरियां बंद रही। इस दौरान ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रहीं। इस मौके पर सभी डॉक्टर्स ने तहसील कांप्लेक्स मुकेरियां में राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन कर एक्ट को वापस लेने की मांग की। आइएमए मुकेरियां के प्रधान डॉ. शाविदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को एक अप्रैल 2020 से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट डॉक्टर इस एक्ट का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इस एक्ट के दो हिस्से हैं। रजिस्टर व रेगुलेशन। रजिस्ट्रेशन के लिए कोई परेशानी नहीं है, लेकिन रेगुलेशन सख्त है। इसका परिणाम यह होगा कि 95 प्रतिशत निजी अस्पताल व लैब आदि बंद हो जाएंगी। अस्पताल के मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ का खर्च बढ़ जाएंगे। मरीजों का इलाज भी पांच गुणा महंगा हो जाएगा। इस अवसर पर सचिव डॉ. जीसी राणा, डॉ. हरजीत सिंह, डॉ. दिलबाग सिंह, डॉ. सुशील सहगल, डॉ. सुरिदर सिंह, डॉ. पंकज चौधरी, डॉ. प्रेम कुमार व डॉ. दविदर सिंह भी मौजूद थे। वहीं डॉ. राजीव सैनी, डॉ. सुरिदर सैनी, डॉ. वीपी सिंह, डॉ. सौरभ शागोत्रा, डॉ. रजत गुप्ता, डॉ. संदीप, डॉ. राजीव पुणगोत्रा, कमलजीत सिंह, डॉ. सुशील कपिला, डॉ. बीएस रंधावा, डॉ. एनके गुप्ता, डॉ. परमजीत चौधरी, डॉ. मनप्रीत कौर, डॉ. प्रदीप ढिल्लों व डॉ. अशवनी गौतम ने भी इस एक्ट का विरोध किया। आदि डाक्टर्स उपस्थित थे। वहीं दसूहा में भी मेडिकल कॉलेजों में फीसों के इजाफे को लेकर मंगलवार को आइएमए के दिए गए न्यौते पर सभी क्लीनिकल व निजी अस्पताल बंद रहे। सिविल अस्पताल दसूहा के डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर इस एक्ट के खिलाफ अपना रोष जताया। बीएमएसए डाक्टरों ने भी बंद का समर्थन किया। इस दौरान क्लीनिकल लैब के प्रधान मुकेश बग्गा ने कहा कि पंजाब सरकार के इस तरह प्राइवेट डॉक्टरों पर थोपे गए सीईए एक्ट के खिलाफ पूरा प्राइवेट सेक्टर आज एक दूसरे के साथ खड़ा है। इस अवसर पर संतोष कुमार, बलराम शर्मा, दविदर सिंह, मनोज कुमार, डॉ. विनोद, डॉ. विजय कुमार, डॉ. दीदार, डॉ. हरजीत, डॉ. संजीव, डॉ. कपिल डोगरा, डॉ.सतवंत, डॉ. राजविदर, डा. हरदीप सिंह, डॉ. बलवंत, डा.अमरीक, डॉ.बलकार, डॉ. अजय चोपड़ा, डॉ. मोनिका चोपड़ा, डॉ. चरमजीत सिंह व डॉ. राजविदर मैंगी आदि भी उपस्थित थे।

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