पौंग बांध में जून तक रहेगा भरपूर पानी
दातारपुर ब्यास दरिया पर बनाए गए और एशिया के सबसे बड़े पौंग बांध में आगामी जलभराव सीजन जो 20 जून 2019 से शुरू होगा।
सरोज बाला, दातारपुर
ब्यास दरिया पर बनाए गए और एशिया के सबसे बड़े पौंग बांध में आगामी जलभराव सीजन जो 20 जून 2019 से शुरू होगा। तब तक बांध में भरपूर जलस्तर उपलब्ध है, जिस कारण सारा साल बिजली उत्पादन तथा ¨सचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा। आंकड़ों की बात करें तो इस वर्ष बांध में जलभराव सीजन समाप्त होने के समय 1392.23 फीट जलभराव हुआ था। 25 जनवरी को बांध की महाराणा प्रताप सागर झील में सुबह आठ बजे 1353.49 फीट जलस्तर रिकॉर्ड किया गया। इस समय बांध में मात्र 3851 क्यूसिक पानी की आमद हो रही है और बांध के बिजलीघर की टरबाइनों के माध्यम से 12505 क्यूसिक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है।
इस प्रकार आज तक बांध में 1392-1353 = 39 फीट पानी घटा है। इसके बावजूद बांध में पूरे साल की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त जलस्तर उपलब्ध है।
पौंग बांध के पानी से हिमाचल, पंजाब, हरियाणा तथा मुख्य तौर पर राजस्थान को ¨सचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाता है। यह झील अधिकतम 40 किमी लंबी तथा 18 किमी चौड़ी है और इसका क्षेत्रफल 306वर्ग किलो मीटर है।
पौंग बांध की डेड स्टोरेज क्षमता 1265 फीट है। इसे आमतौर पर 1390 फीट तक भरा जाता है, परंतु इस बार बांध के जलग्रहण क्षेत्र में वृद्धि हुई है। मानसून की भारी बारिश के चलते दो फुट अधिक जलभराव हुआ। वर्तमान में बांध की कुल तीन टरबाईनें बिजली उत्पादन कर रही हैं। डिस्चार्ज के बाद 11500 क्यूसिक पानी मुकेरियां हाइडल नहर में जा रहा है, जहां के चार बिजलीघरों में जो की भोडे दाखूह, हाजीपुर, रैली तथा ऊंची बस्सी में हैं, में कुल 207 मैगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। बांध की उंचाई 1410 फीट है, पर इसे ज्यादा से ज्यादा 1395 फीट तक ही भरा जाता है। पौंग बांध के बिजलीघर में कुल 6 टरबाइन कार्यरत हैं जो प्रत्येक 66 मेगावाट की दर से कुल 396 मेगावाट बिजली उत्पादन करती हैं।