जलभराव सीजन तो बढ़ा , पर 95 फीट रहा जलस्तर
सरोज बाला, दातारपुर ब्यास नदी पर बनाए गए मिट्टी की दीवार से बने एशिया के सबसे बड़े बांध प
सरोज बाला, दातारपुर
ब्यास नदी पर बनाए गए मिट्टी की दीवार से बने एशिया के सबसे बड़े बांध पौंग बांध में 20 जून से जलभराव सीजन शुरू होकर 20 सितंबर यानी तीन महीने बाद समाप्त हो गया। बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में मानसून की हुई भारी बारिश से झील में पानी का स्तर शुरुआत में तो बहुत तेजी से बढ़ा, पर अगस्त के आखिर में इसमें भारी गिरावट दर्ज हुई और वांछित जलस्तर 1390 फीट का आंकड़ा दूर की कौड़ी बन गया। बृहस्पतिवार को सुबह 6 बजे बांध की महाराणा प्रताप सागर झील में 1381.33 फीट जलस्तर रिकार्ड किया गया। इसी समय बांध की झील में 3881 क्यूसिक पानी की आमद हो रही है और बांध की टरबाइनों से 12880 क्यूसिक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। जबकि 20 जून को बांध में जलभराव सीजन की शुरुआत में 1286.95 फीट जलस्तर रिकार्ड किया गया। इस समय झील में मात्र 1621 क्यूसिक पानी की आमद और 8010 क्यूसिक पानी बांध से डिस्चार्ज हो रहा था। इस प्रकार बांध में आजतक 1381-1286.95=95 फीट जलस्तर बढ़ा है।
मानसून में बांध में पानी का वांछित स्तर 1390-1395 फीट तक जलभराव होने की उम्मीद बंधी थी। वैसे बांध की उंचाई 1410 फीट है, परंतु अगस्त के आखिरी सप्ताह और सितंबर में मेघों की बेरुखी के कारण झील में वांछित स्तर तक पानी नहीं पहुंच सका, वहीं अगस्त के आखिर में बांध में जलस्तर 1383.46 फीट तक हो गया था, परंतु बाद में बारिश का सिलसिला थमने से आज इसमें गिरावट होकर 1381 फीट पानी ही भरा है और यह 1390 फीट से 9 फुट नीचे रहा है।
पौंग बांध में कुल 6 टरबाइन हैं जो 66 मेगावाट की दर से कुल 396 मेगावाट बिजली उत्पादन करके राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे रही हैं। )