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पौंग झील से मेहमान प¨रदों की घर वापिसी शुरू

संवाद सहयोगी, दातारपुर : एशिया की खूबसूरत पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में इस स

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Mar 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 01 Mar 2017 03:01 AM (IST)
पौंग झील से मेहमान प¨रदों की घर वापिसी शुरू
पौंग झील से मेहमान प¨रदों की घर वापिसी शुरू

संवाद सहयोगी, दातारपुर : एशिया की खूबसूरत पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में इस साल आये प्रवासी पक्षी वापसी की राह पर हैं। इस झील में ये प्रवासी प¨रदे अक्टूबर मध्य से मध्य मार्च तक प्रवास करते हैं। मेहमान पक्षियों की रिकार्ड आमद के लिए विश्वविख्यात इस झील में इस बार 30 हजार ज्यादा पक्षी आए हैं। वन्य जीव विभाग की वार्षिक गणना के उपरांत जारी हुई रिपोर्ट में इस बार पक्षियों की प्रजाति तथा संख्या दोनों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। फरवरी में संपन्न हुई तीन दिवसीय गणना में पौंग झील में कुल 97 प्रजातियां और एक लाख पैंतालीस हजार पक्षी पाए गए हैं। इसके मुकाबले पिछले साल 83 प्रजातियां तथा एक लाख 15 हजार पक्षियों की पौंग वैटलैंड में आमद हुई थी। डीएफओ वन्य प्राणी सुभाष पराशर ने गणना के आंकड़ों की पुष्टि करते हुए बताया कि मौसम के बदले मिजाज के कारण इस बार अधिक पक्षी पौंग झील में आए हैं। गिनती के बाद जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार पौंग झील में पक्षियों की गणना के लिए 26 अलग-अलग टीमें बनाकर इतने ही सेक्टर बनाए गए थे और इन टीमों में कुल 105 लोगों को गणना के कार्य में शामिल किया गया था। इस दौरान सबसे ज्यादा 48 हजार 302 बार हैडेड गीज, 15 हजार 766 नार्दन पिनटेल, 9606 कॉमन पोचड़ तथा 8318 लिटल कोरमोनेंटस के पक्षी पाए गए। इसके अलावा कॉमन कूट्स 8109, ग्रेट कार्मोनेट 6724, कामन टील्स 6641, नॉर्दन सोवलर 3008, स्टाफर डक 1716 तथा रूढ़ीसेल्डक प्रजाति के 1463 पक्षी पौंग झील में पाए गए हैं। अन्य प्रजातियों का कोई भी पक्षी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया है। बताते चलें कि वर्ष 2015-16 की गणना में पौंग झील में 87 प्रजातियों के पक्षी आए थे। इस अवधि में झील में कुल एक लाख 15 हजार पक्षियों ने पौंग झील में डेरा जमाया था। दुनिया की इस खूबसूरत झील में एशियन देशों तिब्बत, साइबेरिया, चीन आदि से पक्षी यहां आते हैं। हालांकि इसके पीछे मुख्य कारण बर्फबारी अधिक होना और तापमान का बदलाव बताया जा रहा है। ये प¨रदे उन इलाकों में भीषण बर्फबारी के बाद ही इधर का रुख करते है। विशेषज्ञ सेवा ¨सह के अनुसार के अनुसार पिछले तीन साल में पहली बार पौंग झील में पक्षियों की संख्या में गिरावट आई। उन्होंने बताया एक साल तो ये यहां 1 लाख 50 हजार की तादाद में भी आए थे।


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