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लावारिसों का वारिस बना पेंटर कुमार: बलविदर

लोगों को समय के अभाव के कारण इतना व्यस्त कर दिया है कि वह अपनी सामाजिक व परिवारिक जिम्मेदारियों से दूर होते जा रहे हैं। वहीं कुमार पेंटर लावारिसों के वारिस बन कर मृतक प्राणियों को अस्पताल से श्मशानघाट तक पूरे सम्मान के साथ शव यात्रा के रुप में लेकर जाते है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 11:47 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 11:47 PM (IST)
लावारिसों का वारिस बना पेंटर कुमार: बलविदर
लावारिसों का वारिस बना पेंटर कुमार: बलविदर

संवाद सहयोगी, मुकेरियां : लोगों को समय के अभाव के कारण इतना व्यस्त कर दिया है कि वह अपनी सामाजिक व परिवारिक जिम्मेदारियों से दूर होते जा रहे हैं। वहीं कुमार पेंटर लावारिसों के वारिस बन कर मृतक प्राणियों को अस्पताल से श्मशानघाट तक पूरे सम्मान के साथ शव यात्रा के रुप में लेकर जाते है। बाद में उनका विधिवत अंतिम संस्कार कर अस्थ पुष्प गंगा में विसर्जित कतर पिडदान तर्पण कर उन्हें मुक्ति प्रदान करवा रहे है। जो युवाओं के लिए कुमार पेंटर एक प्रेरणा स्त्रोत है। उक्त शब्द एसएचओ बलविदर सिंह ने विशेष रुप से लावारिस शव यात्रा में पहुंच कर दिए। इस मौके पर रेलवे पुलिस कर्मचारी मलकीत बाजवा, परमजीत सिंह, गोवर्धन सिंह, दलजीत सिंह, नवदीप कुमा, पंकज आदि उपस्थित थे।

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