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महीना पहले ओएसटी सेंटर में जले रिकार्ड के बारे में अज्ञात पर केस

होशियारपुर, सिविल अस्पताल में कुछ लोगों द्वारा ओएसटी सेंटर में घुसकर रिकार्ड को जलाने का मामला पुलिस के लिए पहली बन कर रह गया है। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी इस घटना ने सवालिया निशान लगा दिए हैं। अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर पिछले लंबे समय से बड़ी चूक पाई जा रही है हालांकि अस्पताल में एक चौकी बनाई गई है परंतु वहां पर भी पुलिस मुलाजिमों की तैनाती पक्के तौर पर कम ही होती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 08:00 PM (IST)
महीना पहले ओएसटी सेंटर में जले रिकार्ड के बारे में अज्ञात पर केस
महीना पहले ओएसटी सेंटर में जले रिकार्ड के बारे में अज्ञात पर केस

जागरण संवाददाता, होशियारपुर

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सिविल अस्पताल में कुछ लोगों द्वारा एक माह पूर्व ओएसटी सेंटर में घुसकर रिकॉर्ड को जलाने का मामला पुलिस के लिए पहली बन कर रह गया है। इसने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर पिछले लंबे समय से बड़ी चूक पाई जा रही है। हालांकि अस्पताल में एक चौकी बनाई गई है। मगर, वहां पर भी पुलिस मुलाजिमों की तैनाती पक्के तौर पर कम ही होती है। वही,ं दूसरी तरफ मॉडल टाउन पुलिस का दावा है कि इस आगजनी की घटना को अंजाम देने वाला जल्द काबू कर लिया जाएगा। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में सेंटर के काउंसलर शाम लाल के बयान के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ पर्चा दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

उधर, रिकॉर्ड को आग लगाने की हुई घटना ने ओएसटी सेंटर को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है कि आखिर क्या वजह रही होगी कि किसी अज्ञात द्वारा रिकॉर्ड को आग लगाई गई। फिलहाल, इस मामले में मॉडल टाऊन पुलिस चुप्पी साधे हुए है और मामले की जांच हो रही है कहकर पल्ला झाड़ रही है।

दूसरी तरफ अस्पताल के स्टॉफ का कहना है कि आग किसी नशेड़ी ने लगाई है। क्योंकि नशेड़ी कई बार दवा खाने वाली दवा की अधिक डिमांड करते हैं और दवा निश्चित मात्रा में ही मिलने के कारण वे गुस्से में आ जाते हैं और यही वजह आग लगाने की भी हो सकती है।

मगर, मौके के हालतों से स्टॉफ का यह तर्क बिल्कुल मेल नहीं खा रहा है। यदि नशे का आदी ओएसटी सेंटर में घुसता, तो वह जाते समय सेंटर में भारी मात्रा में उपलब्ध दवा लेकर क्यों नहीं गया। सेंटर में पड़े कंप्यूटर व अन्य कीमती सामग्री को भी किसी ने हाथ तक नहीं लगाया। यदि कोई सेंटर में घुसता तो वह कम से कम इन कीमती सामग्री को उठाने की कोशिश जरूर करता।

अस्पताल से जुड़े सूत्रों की मानें, तो मामला रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करने का है, क्योंकि सेंटर में पड़े कुछ ही रिकार्ड को आग लगाई गई है। जबकि बाकी रिकॉर्ड भी साथ ही पड़ा हुआ था और यही सबसे बड़ा सवाल है।

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ये है मामला

गौरतलब है कि 6 अगस्त को सिविल अस्पताल में चलने वाले ओएसटी सेंटर में देर रात किसी ने सेंटर में घुसकर रिकॉर्ड को आग लगा दी थी और इसमें सेंटर का काफी रिकॉर्ड जलकर राख हो गया था। जिस पर पुलिस ने काउंसलर शाम लाल के बयान पर अज्ञात पर मामला दर्ज किया है। पुलिस को दिए बयान में शाम लाल ने बताया है कि उसे 6 अगस्त को सुबह फोन आया था कि सेंटर में किसी ने आग लगा दी है। वह जब सेंटर में पहुंचा तो सेंटर का कुछ रिकॉर्ड जला हुआ था। इसके साथ-साथ कंप्यूटर का सामान भी झुलसा हुआ था। शाम लाल ने बताया कि रिकॉर्ड में कुछ दवाई खाने वाले मरीजों का रिकॉर्ड भी था।

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पुलिस की चूक, नहीं लिए ¨फगर ¨प्रट

वहीं इस मामले में मौके पर छानबीन करने पहुंची मॉडल टाउन पुलिस ने जांच के नाम पर कोई गहन-पड़ताल नहीं की है। पुलिस ने सेंटर के काउंसलर शामलाल के बयान के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करके अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस मामले में पुलिस ने मौके पर ¨फगर ¨प्रट ही नहीं लिए। इस बारे में एसएचओ मॉडल टाउन गौरव धीर ने बताया कि मौके पर कोई ¨फगर ¨प्रट ही नहीं था, तो ¨फगर ¨प्रट कैसे लेते।

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गहनता से हो रही है जांच : गौरव धीर

इस बारे में एसएचओ गौरव धीर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है और इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।


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