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रिहायशी क्षेत्र में जर्जर इमारतें बनी जी का जंजाल

मानसून ने दस्तक दे दी है और होशियारपुर के शहरी इलाके में वैसे भी पानी की निकासी बड़ी समस्या है लेकिन सबसे बड़ा खतरा इलाके के लोगों के लिए खस्ताहाल इमारतें हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 12:09 AM (IST)
रिहायशी क्षेत्र में जर्जर इमारतें बनी जी का जंजाल
रिहायशी क्षेत्र में जर्जर इमारतें बनी जी का जंजाल

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : मानसून ने दस्तक दे दी है और होशियारपुर के शहरी इलाके में वैसे भी पानी की निकासी बड़ी समस्या है, लेकिन सबसे बड़ा खतरा इलाके के लोगों के लिए खस्ताहाल इमारतें हैं। शहर के बीचोंबीच बनी पुरानी इमारतों के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और जो बड़ी घटना का कारण बन सकती हैं। इन इमारतों के साए में रह रहे लोग काफी परेशान हैं, क्योंकि न तो इमारतों के मालिक इनको समय रहते तुड़वा रहे हैं और न ही नगर निगम कोई कार्रवाई कर रही है। हालांकि नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो इन सात खस्ताहाल इमारतों के खिलाफ समय-समय पर नोटिस जारी किए जाते हैं, परंतु रिपेयर की जिम्मेदारी मालिक की होती है। निगम केवल वही इमारत तोड़ सकती है जिसका मालिकाना हक उसके पास हो। इस मामले में निगम कितना गंभीर है इसका पता निगम के मुलाजिमों के बयान से पता लगाया जा सकता है।

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इस मामले में एटीपी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शहर में पहले सर्वे हुआ था, जिसमें सात इमारतें लगभग कंडम थी। जिसे लेकर नोटिस जारी किया गया था। पूछे जाने पर क्या कार्रवाई होगी, तो अधिकारी बोले कानूनी कार्रवाई हो। पूछे जाने पर कानूनी कार्रवाई क्या है तो जुबान से फिसले हुए बोले जैसा कमिश्नर साहिब बोलेंगे वैसा ही करेगें।

शहर में ऐसी कई खस्ताहाल इमारतें

शहर में कई खस्ताहाल पुरानी इमारतें हैं जिनमें से कुछ अब टूट-टूट कर गिरना शुरू भी हो गई हैं पर निगम प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। मोहल्ला कमालपुर का पुराना डाकघर, खानपुरी गेट इलाके में पुरानी इमारतें, गढ़ी मोहल्ला में पुरानी छती हुई इमारत, वकीलां बाजार में पुरानी इमारत, इसके अलावा पुराना सिविल सर्जन आफिस भी जर्जर हो चुका है। इन इमारतों में अधिकतर अपनी आयुसीमा पार कर चुकी हैं और अब हालत यह है कि यह टूट-टूट कर गिरना शुरू हो गई हैं। इस तरफ निगम का कोई ध्यान ही नहीं हैं और लगता है कि निगम किसी बड़े हादसे की इंतजार में हैं। पुराने सिविल सर्जन दफ्तर को छोड़कर बाकी सारी इमारतें घनी आबादी के बीचोंबीच हैं। यदि कभी इमारत गिरती है तो नतीजे गंभीर होगें।

खस्ताहाल इमारतों के बारे में शहरवासियों की राय

खस्ताहाल इमारतों के आसपास रहने वाले लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह इस संबंधी कई बार निगम को बता चुके हैं पर कोई हल नहीं हुआ। खानपुरी गेट की जर्जर इमारतों के बारे में लोगों ने बताया कि यह इमारत शहर के बीचोंबीच है और यदि हादसा हुआ तो राहगीरों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इसी तरह पुराने डाकखाने के बारे में बताते हुए मोहल्ला कमालपुर के मेहताब मेहता ने कहा कि उन्होंने मोहल्ला निवासियों के साथ मिलकर कई बार शिकायत की, परंतु कोई हल नहीं हुआ। गौरव तनेजा का कहना है कि इमारत इतनी खस्ताहाल है कि इसमें अब तो सांपों ने डेरा लगा लिया है और अकसर मोहल्ले में इस इमारत से सांप, बिच्छू निकलते हैं जो गली में खेलने वाले बच्चों के लिए कभी भी खतरा बन सके हैं।

हम समय-समय पर करते रहते हैं नोटिस जारी : एटीपी सुनील कुमार

नगर निगम के बिल्डिग विभाग के एटीपी सुनील कुमार ने बताया कि खस्ताहाल इमारतें बहुत खतरनाक हैं और इसके लिए निगम द्वारा समय समय पर नोटिस जारी किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इमारतों को रिपेयर करवाने के लिए मालिक को कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यदि नोटिस को गंभीर न लिया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस के बाद मालिक मरम्मत नहीं करवाए तो निगम तुड़वा सकता है बिल्डिग : मेयर शिव सूद

मेयर शिव सूद ने बताया कि नोटिस जारी किए हैं, जो पहली कार्रवाई बनती है। मालिकों को कुछ समय दिया जाता है, ताकि वह बिल्डिग तुड़वा दें। यदि फिर भी वह बिल्डिग नहीं तुड़वाते तो निगम कानून के तहत बिल्डिग तुड़वा सकता है। उन्होंने बताया कि वह खुद जांच करेंगे और जो इस मामले के लिए गंभीर नहीं है उसके लिए कमिश्नर को बोला जाएगा।


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